अजब गज़बराष्ट्रियलाइफस्टाइल
जो आज है कल नहीं होंगे, कल नहीं होंगे ! अलविदा राहत इंदौरी साहब।
SD24 News Network
जो आज है कल नहीं होंगे, कल नहीं होंगे ! अलविदा राहत इंदौरी साहब।
ये सब धुँआ है आसमान थोड़ी है…
मानता हूँ के दुश्मन भी कुछ कम नहीं
मगर मेरी तरह हथेली पे जान थोड़ी है…
जो आज है कल नहीं होंगे, कल नहीं होंगे
किराएदार है खुद का मकान थोड़ी है…
लगेगी आग तो आयेगे कई घर जद मे
यहाँ पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है…!
अलविदा राहत इंदौरी साहब।