40 जमातियों ने अपना खून देकर सैकड़ों कोरोना संक्रमितों को दिया नया जीवन
40 जमातियों ने अपना खून देकर सैकड़ों कोरोना संक्रमितों को दिया नया जीवन
नई दिल्ली. दुनिया भर में कोरोवायरस से संक्रमित लोगों को बचाने के लिए डॉक्टर्स अलग-अलग तरीकों से इलाज को तलाशने में लगे हैं। इन्हीं तरीकों में से एक है Convalescent Plasma Therapy। सूत्रों के मुताबिक SARS-CoV, H1N1 और MERS-CoV जैसे खतरनाक वायरस के इलाज में भी इस थेरेपी का इस्तेमाल किया गया था। भारत में भी कोरोना वायरस का पहला Plasma for Corona Treatment देश में सफल रहा है। वहीं गुजरात से भी अच्छी खबर आई है। गुजरात के वडोदरा में कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हुए करीब 40 मुस्लिमों ने गुरुवार को अन्य COVID-19 मरीज के इलाज के लिए अपना प्लाज्मा दान देने के लिए तैयार हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक इनके प्लाज्मा से करीब 100 कोरोना मरीजों का इलाज हो सकेगा। केंद्र सरकार ने हाल ही में गुजरात को प्रयोग के तौर पर प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है।
प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना के गंभीर मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि की जाएगी.। मुस्लिम समुदाय के नेता जुबेर गोपलानी ने बताया कि लगातार दो बार कोरोना जांच में नेगेटिव आने के बाद 44 मुस्लिम मरीजों को छोड़ दिया गया है। इन सभी में बीमारी के लक्षण नहीं थे और ये संक्रमण के शुरुआती दौर में थे। देखरेख और बेहतर खानपान के बाद इनमें अब संक्रमण नहीं है। अब इनमें से 40 मुस्लिम मरीज बाकी मरीजों की मदद करेंगे।
साथ ही इनके शरीर में कोरोना से लड़ने वाले एंटीबॉडीज मौजूद हैं। हमने इनसे दूसरे साथियों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा दान करने की मांग की थी जिसे 40 से अधिक मरीजों ने स्वीकार कर लिया है। वडोदरा कोविड-19 सेंटर के इंचार्ज विनोद राव ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों को इसकी जानकारी दे दी गई है। बहुत जल्द इनका प्लाज्मा लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
वहीं तमिलनाडु में कोरोना से ठीक हुए दो जमाती भी कोरोना मरीजों की जान बचाने का बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने प्लाज्मा देने की बात कगी है। इनमें तिरुचिरापल्ली के 40 वर्षीय मोहम्मद जफर और तिरुपुर के 38 वर्षीय व्यापारी मोहम्मद अब्बास ने अपना प्लाज्मा दान करने की इच्छा जताई है। दोनों ने स्थानीय प्रशासन को अपना नंबर भी दिया है।