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राष्ट्रिय

नौ महीनो तक बलात्कारियो का जुल्म सहती रही Rape पीडिता

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“मेरे साथ स्कूल में रेप हुआ… स्कूल के लड़के, टीचर और प्रिंसिपल… सभी रेप करते थे और हम घर आकर बेसुध पड़ जाते थे…”
15 साल की गहरे सांवले रंग की दुबली-पतली अंकिता की (बदला हुआ नाम) ये बातें किसी को भी झकझोर सकती हैं.
मामला बिहार के सारण ज़िले के एकमा थाना क्षेत्र का है.
यहां के परसागढ़ के एक प्राइवेट स्कूल की दसवीं की छात्रा अंकिता का कहना है कि उनके साथ बीते नौ माह से सामूहिक बलात्कार हो रहा था.
अंकिता ने बीबीसी को बताया, “इन नौ महीनों में सिर्फ़ एक महीने के लिए जब स्कूल बंद रहा तो मेरे साथ रेप नहीं किया गया…”
इस मामले में रिपोर्ट लिखे जाने तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिसमें स्कूल के प्रिंसिपल और एक शिक्षक भी शामिल हैं.
सारण के एसपी हरकिशोर राय ने बीबीसी को बताया, “पीड़िता का बयान दर्ज कराया गया है. उनका मेडिकल कराया गया है और हमें रिपोर्ट का इंतज़ार है. हमने इस मामले में छह लोगों को गिरफ़्तार भी किया है.”
हालांकि इस मामले में एक वीडियो (कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार का वीडियो) के वायरल होने की बात बार-बार की जा रही है, लेकिन अंकिता ने कोई भी वीडियो बनाए जाने की बात से इनकार किया है.
साथ ही एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि पीड़िता आख़िर नौ महीने तक चुप क्यों रही?
बीबीसी ने यही सवाल अंकिता के पिता से पूछा. उनका जवाब था, “अंकिता की मां मानसिक तौर पर कमज़ोर हैं. बीते दो साल से मैं परसा बाज़ार बम कांड में जेल में सज़ा काट रहा था. कुछ दिनों पहले जब बेल पर मैं घर लौटा तब जाकर ये बात मेरे सामने आई.”
कथित तौर पर नौ माह से चल रहा ये मामला बीते पांच जुलाई को सामने आया है.
पांच जुलाई को अंकिता स्कूल में खाने की छुट्टी के वक्त घर वापस आ गई थीं.
अंकिता के चाचा बताते हैं, “उसके कपड़ों में खून लगा हुआ था. उसकी मां ने जब ये बात अंकिता के पिता को बताई तो उन्होंने अंकिता से पूछा जिसके बाद हम लोगों को मामले का पता चला और हमने पुलिस में शिकायत की.”
इस मामले में स्कूल के 15 छात्रों, प्रिंसिपल और दो शिक्षकों पर मामला दर्ज किया गया है.
राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है.
महिला आयोग की सदस्य उषा विद्यार्थी ने बीबीसी को बताया, “हमने इस मामले की रिपोर्ट मांगी है और मामले में अगर सच्चाई पाई जाती है तो आयोग की पहली प्राथमिकता यही होगी कि दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा मिले.”
जहां अंकिता के घर पर मीडिया वालों का आना जाना-लगा हुआ है, वहीं थोड़ी दूरी पर स्थित प्रिंसिपल के यहां उनके शुभचिंतकों की भीड़ लगी हुई है.
प्रिंसिपल का परिवार
स्थानीय लोग बताते हैं कि परसागढ़ नाम की इमारत प्रिंसिपल की ही प्रॉपर्टी है और वो यहां के समृद्ध ज़मींदार हैं.
18 साल पहले उन्होंने ये प्राइवेट स्कूल खोला था जो उनके घर से चंद क़दम की दूरी पर ही है.
स्कूल के प्रिंसिपल के साथ-साथ उनके नाबालिग बेटे को भी पुलिस ने गिरफ़्तार किया है. दोनों पर ही अंकिता के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है.
चार बच्चों के पिता और अभियुक्त प्रिंसिपल की बड़ी बेटी बताती हैं, “स्कूल में 450 बच्चे पढ़ते हैं, आस-पास के इलाके से बच्चे आते हैं. स्कूल की इज़्ज़त ख़राब करने के लिए ही ये सब किया जा रहा है. वरना 18 साल में तो आज तक ऐसी कोई बात नहीं हुई थी.”
वहीं, प्रिंसिपल की पत्नी को स्कूल और बेटियों की सुरक्षा का ख़तरा महसूस हो रहा है. वो कहती हैं, “बार-बार स्कूल जलाने की धमकी दी जा रही है. मुझे और मेरी बेटियों को सुरक्षा चाहिए.”
इस मामले में बीबीसी ने अंकिता की कक्षा में पढ़ने वाले और स्कूल के पासआउट कई छात्रों से भी बात की.
इन छात्रों के मुताबिक़ उन्हें कभी स्कूल में किसी शिक्षक या प्रिंसिपल का रवैया आपत्तिजनक नहीं लगा.
साथ ही, अंकिता के साथ खेलने और पढ़ने वाली लड़कियां कहती हैं कि इधर कुछ महीनों से उनके रवैये में बदलाव आया था और उन्होंने दूसरी लड़कियो के साथ खेलना बंद कर दिया था.
अंकिता के पिता को न्याय की उम्मीद है.
वो कहते हैं, “जो मेरी बेटी के साथ हुआ, वो किसी और की बहन-बेटी बहन के साथ न हो, इसलिए हम न्याय मांग रहे हैं.” (बीबीसी की रिपोर्ट)
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