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6 साल पहले हुआ सत्ता संघर्ष, आडवाणी और मोदी के बीच एक युद्ध छिड़ा था और आज ……….

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6 साल पहले हुआ सत्ता संघर्ष, आडवाणी और मोदी के बीच एक युद्ध छिड़ा था और ……….
साथियों यह खबर हर मोबाइल में होनी चाहिये जिससे कि इनकी इस करतूत का सबको पता चल जाए। देशहित के लिए जनहित में जारी ।
आज से ठीक 6 साल पहले हुआ सत्ता संघर्ष क्या याद है आपको उस संघर्ष में भाजपा पर कब्जा जमाने के लिए आडवाणी और मोदी के बीच एक युद्ध छिड़ा था।



सुलह समझौता राजनाथ सिंह ने करवाया था नितिन गडकरी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी दरअसल हुआ क्या था 6 साल पहले तो चलिए हम आपको बताते हैं कि 6 साल पहले झगड़ा किस बात पर था दरअसल बात यह थी कि लालकृष्ण आडवाणी जो कि भाजपा की सबसे वरिष्ठतम सदस्य हैं उन्होंने भाजपा के सामने यह शर्त रखी कि वह उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए लेकिन नरेंद्र मोदी बिगड़ गए। नरेंद्र मोदी ने सीधी धमकी दे डाली कि अगला प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार उन्हें ही बनाया जाए और वो भी इसी महीने। यह सुनकर सब सकते में आ गए । खबर जैसे ही दिल्ली पहुंची आनन-फानन में भाजपा हाईकमान की मीटिंग हुई ।



नरेंद्र मोदी और आडवाणी दोनों के बीच सुलह करवाने का प्रयास हुआ और अंत में यह निर्णय लिया गया कि चुनाव लड़ने के लिए धन की व्यवस्था आडवाणी और मोदी में जो भी करेगा पार्टी उन्हें ही प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाएगी। अपने 12 साल के गुजरात के शासन के दौरान नरेंद्र मोदी की मित्रता कुछ बड़े उद्योगपतियों के साथ थी जबकि आडवाणी के साथ यह सुविधा नहीं थी।
धन की व्यवस्था करने में नरेंद्र मोदी सफल रहे। अब उसके बाद घटनाक्रम धीरे-धीरे बदलने लग गया । पूंजीपतियों ने भाजपा के सामने शर्त रख दी कि भाजपा को तभी धन उपलब्ध करवाएंगे यदि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार पार्टी घोषित कर दें। *भाजपा को पूंजी पतियों के दबाव के आगे झुकना पड़ा और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाना पड़ा। आडवाणी नाराज होकर कोप भवन में बैठ गए..



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उसके बाद धीरे-धीरे घटनाक्रम बदला लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुकेश अंबानी ने देश में 22 चैनल खरीदे । इन चैनल्स को यह निर्देश था कि वे दिन रात मोदी का प्रचार करें ,उनकी रैलियों के भाषण लाइव टेलीकास्ट करें ,और समस्त विपक्षी नेता यानी आज के विपक्षी नेताओं पर तंज कसने के लिए कहा गया ।मायावती अखिलेश केजरीवाल राहुल गांधी सोनिया गांधी लालू समेत तमाम नेताओं पर तंज कसने के लिए कहा गया ।मीडिया ने यह काम बखूबी किया भी।



तकरीबन 600 वेबसाइटों को मुकेश अंबानी ने खरीद लिया ।नरेंद्र मोदी ने 400 रेलियां की था इन रैलियों का खर्चा अपने 67 पूंजीपति मित्रों के द्वारा उठाया गया । नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार करने के लिए एक हेलीकॉप्टर दिया गया था यह हेलीकॉप्टर चुनाव प्रचार के लिए अडानी ने दिया था । जैसे ही परिस्थितियां थोड़ी सी बदली देश के प्रधानमंत्री मोदी जी बन गए उसके बाद सिलसिला शुरु हुआ कर्ज उतारने का। तो सुनिए क्या क्या हुआ ,अडानी को ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड शहर में खनन के लिए 6000 करोड़ का कर्ज नरेंद्र मोदी ने दिलवाया उनके पिछले 67000 करोड़ के लोन माफ कर दिए गए ।



मुकेश अंबानी को फ्री में 4जी स्पेक्ट्रम दिए गए इसके अलावा मुकेश अंबानी की कंपनी पर पिछली सरकार द्वारा लगाया गया जुर्माना माफ कर दिया गया उनके भी कुछ कर्जों को राइट ऑफ कर दिया गया। दैनिक जागरण अखबार ने लोकसभा सभा प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी का बखूबी साथ दिया था इसलिए इस अखबार के मालिक को मोदी जी ने राज्यसभा के सांसद बना दिया ।दैनिक भास्कर अखबार जिसके मालिक वेदांता कंपनी है उसको मोदी जी ने छत्तीसगढ़ में कोयले की खदान दिलवा दी। Zee News जिसने दिन-रात नरेंद्र मोदी का प्रचार किया और आज भी कर रहा है उसके मालिक सुभाष चंद्रा को भाजपा ने राज्यसभा सांसद बना दिया तो देखा दोस्तों यह थी खबर ।बाकी जो मीडिया दिन रात आपको दिखाता है वह तो सिर्फ उसका प्रचार है।



साथियों यह खबर हर मोबाइल में होनी चाहिये जिससे कि इनकी इस करतूत का सबको पता चल जाए। देशहित के लिए जनहित में जारी
-जगदीश कुमार वर्मा, बुंदेलखंड (लेखक के निजी विचार है, वाया वरिष्ठ पत्रकार अजित साही)

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