SD24 News Network
सरकारी संपत्ति का निजीकरण कर देश को लूटा जा रहा है -विकास राठौर
राष्ट्रीय सम्पत्ति के हो रहे निजीकरण(लूट) जैसे गम्भीर मुद्दे,जिससे देश की संप्रभुता और वैभव जुड़ा हुआ है,ऐसे गम्भीर मुद्दे में भी परजीवियों ने बहुजनवाद के नाम पर आरक्षण का मुद्दा ढूंढ लिया।इनको ऐसा गलता है कि सरकारी संपत्ति का निजीकरण केवल इनके आरक्षण को खत्म करने के लिए किया जा रहा है।
इस विरोध की एवज प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग कर रहे हैं,अगर प्राइवेट सेक्टर में इन परजीवियों को आरक्षण मिल जाता है तो ये नाम-मात्र का विरोध भी बन्द हो जाएगा। मतलब इस लूट में इनको हिस्सा मिल जाये चाहे देश बिक जाए।
इस लूट का असर तो देश के हर नागरिक की जेब पर बराबर पड़ रहा है।क्योंकि 2.40 रु.की बिजली 10रु. यूनिट में बेचते समय कम्पनियां ब्राह्मण,ठाकुर,ओबीसी या एससी नहीं देखती हैं।
मेरा सभी भाइयों से निवेदन है कि इन मासूम लोगों की बकलोली को माफ करिये, और इस लूट का विरोध करिये।
-विकास राठौर, आगरा उत्तर प्रदेश
-विकास राठौर, आगरा उत्तर प्रदेश