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CAA कानून के विरोध में कांग्रेस के सत्याग्रह की शुरुवात. पढ़ी संविधान की प्रतावना

SD24 News Network Network : Box of Knowledge
नागरिकता संशोधन कानून(CAA 2019) के खिलाफ सत्याग्रह के लिए दिल्ली पुलिस की इजाजत नहीं मिलने से कांग्रेस ने रविवार को जो कार्यक्रम रद्द किया था, वह अब शुरू हो गया है। यह कार्यक्रम राजघाट स्थित गांधी समाधि के पास हो रहा है। इसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद समेत कई बड़े नेता मौजूद हैं। पढ़िए यहां की हर अपडेट…
प्रियंका ने सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान मृत लोगों का नाम लेकर संविधान की रक्षा करने का संकल्प लिया
प्रियंका ने बीते दिनों यूपी में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान मृत लोगों का नाम लिया और संकल्प लिया कि हम संविधान में लिखी गई प्रस्तावना की मूलभावना को बरकरार रखेंगे।
लोकसभा की पूर्व स्पीकर और कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने भी प्रस्तावना पढ़ी। उन्होंन कहा कि इस देश को आजाद कराने में में दलितों, गरीबों और हर धर्म के लोगों ने अपनी भूमिका निभाई थी और कुर्बानी भी दी थी। उस समय किसी ने उनसे नागरिकता नहीं पूछी थी लेकिन आज ऐसा क्या हो गया जो नागरिकता पूछी जा रही है। आज जो नागरिकता पूछ रहे हैं वो कुर्बानी के समय गायब थे। संविधान का निर्माण अंबेडकर जी, गांधी जी नेहरू जी ने बनाया है। कांग्रेस की आत्मा ने बनाया है, हम इस पर आंच नहीं आने देंगे।
महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता बाला साहेब थोराट ने कहा महाराष्ट्र संतों की भूमि है। यहां शिवाजी से लेकर अंबेडकर तक महानायक हुए हैं। थोराट ने कहा कि महाराष्ट्र ने कभी धर्म के नाम पर बांटने का काम  नहीं किया और आज भी नागरिकता कानून के खिलाफ खड़ा है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि नागरिकता कानून के कारण लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी इसे लेकर गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र का एजेंडा आरएसएस का एजेंडा है, वो देश को बांटना चाहते हैं। गहलोत ने कहा हम उनसे मुकाबला करने को तैयार हैं और पूरा देश भी। साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश में नागरिकता कानून लागू नहीं करेंगे। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना को भी पढ़ा।
सत्याग्रह में शामिल हुए एमपी के सीएम कमलनाथ ने कहा कि एमपी में नागरिकता कानून लागू नहीं होगा। कांग्रेस सरकार इसे लागू नहीं करेगी। सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी संविधान की प्रस्तावना पढ़ी है।

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