राष्ट्रिय
दिल्ली को आग लगाकर कपिल मिश्रा ट्विटर पर सहानुभूति बटोर रहा है, अंकुश क्यों नहीं ?
SD24 News Network
अगर कपिल मिश्रा पर कार्रवाई नहीं करनी है तो फिर उन्हें दिल्ली पुलिस समेत तीनों सेनाओं का प्रमुख ही बना दिया जाए। नंगा नाचना ही है तो खुलकर नाचिए न सर!
अब जनता को जुटाकर प्रदर्शन रोकना, पुलिस को धमकी देना, प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला करना, कानून व्यवस्था देखना ये सब कपिल मिश्रा का ही काम है। वही तय करेंगे कि कौन प्रदर्शन करे और कौन न करे। घोषणा कर दीजिए कि कानून व्यवस्था, केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस कपिल मिश्रा की दासी है। जनता भी क्यों भरम में रहे?
कपिल मिश्रा का 4 दिनों से विरोध हो रहा है लेकिन उनकी भूमिका पर अंकुश नहीं लगाया गया। वह ट्विटर पर सहानुभूति बटोर रहा है। हाईकोर्ट में आधी रात को सुनवाई हुई, अभी फिर हो रही है, कोर्ट उसकी भूमिका को लेकर पुलिस को फटकार लगा रहा है। उसी की पार्टी के दो दो नेता कह रहे हैं कि उस पर कार्रवाई हो, लेकिन पांच पांच घंटे लंबा भाषण देने वाले मुंह में मलाई दबाए मौन हैं और खून खराबा देखकर आह्लादित हो रहे हैं।
अब कपिल मिश्रा का कैरियर चमकेगा, जैसे गुजरात और मुजफ्फरनगर के आरोपियों का चमका। जेड सिक्योरिटी पाएगा और मंतरी बनेगा. दुखद तो यह है कि लोगों की आंख में मांस उग आया है, उन्हें सही गलत समझ मे नहीं आ रहा है।
(डिस्क्लेमर : लेखक Krishna Kant एक स्वतंत्र पत्रकार है, यह उनके निजी विचार है, SD24 की सहमत हो ही ऐसा नहीं है)