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वरना जल्द ही इस देश का संविधान भीड़तंत्र के हवाले होने वाला.-Dhruv gupt

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SD24 News Network Network : Box of Knowledge
हैदराबाद में एक महिला चिकित्सक के साथ सामूगिक बलात्कार कर उसे जिन्दा जला देने वाले चारों आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने की खबर से देश में संतोष और उत्साह की लहर है। पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश में आरोपियों के साथ हुई यह मुठभेड़ कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार सही है या पुलिस द्वारा भावावेश में लिया गया कोई फैसला, इसपर बहस होगी और जांच दल भी बैठेंगे। सवाल यह भी पूछा जाएगा कि मारे गए युवकों के अपराध साबित हो चुके थे या वे महज़ आरोपी थे ? मुझे इस मुठभेड़ के दूरगामी परिणामों की चिंता है। 
इस घटना के बाद भीड़ के हाथों बलात्कारियों के न्याय की घटनाओं में निश्चित रूप से इजाफा होने वाला है। इसमें दोषी ही नहीं, निर्दोष लोग भी मरेंगे। हमारी न्याय व्यवस्था पर से जिस तरह लोगों का भरोसा उठने लगा है, उसमें ऐसी ही स्थितियां बनती दिख रही हैं। इससे पहले की देश भीड़ की अराजकता के हवाले हो जाय, सरकार को तुरंत कुछ ऐसे क़दम उठाने होंगे ताकि बलात्कारियों का फैसला त्वरित गति से हो और यह लोगों को दिखाई भी दे। यह काम कुछ मुश्किल भी नहीं है। देश के हर जिले में बलात्कार की घटनाओं के तेज अनुसंधान के लिए प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों का एक अलग कोषांग बने जो एक से दो सप्ताह के भीतर अपना काम पूरा करे। इसी तरह ऐसे कांडों के ट्रायल के लिए हर जिले में एक अलग कोर्ट की व्यवस्था हो जिसके पास ट्रायल के लिए एक महीने भर का समय हो। 
तारीख पर तारीख की सड़ी व्यवस्था में अब लोगों का दम घुटने लगा है। उच्च और उच्चतम न्यायालय अपील में पंद्रह दिनों से ज्यादा का वक्त न ले। दया याचिकाओं का राजनीतिक खेल बंद हो। हर हाल में तीन महीनों के अन्दर आरोपियों का फैसला हो और ऐसा न करने वाले अधिकारी दंडित किए जाएं। ऐसा हुआ तभी क़ानून और न्याय के प्रति लोगों का भरोसा लौटेगा, वरना जल्द ही इस देश का संविधान भीड़तंत्र के हवाले होने वाला..
Dhruv gupt
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