Uncategorized

मुसलमान नहीं होते तो आज झांसी की रानी को कोई नहीं जानता

SD24 News Network Network : Box of Knowledge

Loading…


अपने साहस और बहादुरी से अंग्रेजों के हौंसले पस्त करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे मे अधिकतर लोग जानते हैं, पर उनके विश्वास पात्रों में से कौन कौन लोग थे ये ना हम जानते हैं और ना ही जानने की कोशिश करते हैं.. आईये कुछ नाम आपको मिलवाते हैं.

ग़ौस मुहम्मद ख़ान :- रानी लक्ष्मीबाई के मुख्य तोपांची (तोप चलाने वाले) थे जिनकी बहादुरी से ख़ुश हो कर रानी ने उन्हे सोने का कड़ा अता किया था.. 5000 सिपाही फ़ौजी दस्ते के साथ एक कमांडर अंग्रेज़ों के हाथ बिक गया तब रानी ने ग़ौस मुहम्मद ख़ान से पुछा के अब अंग्रेज़ो से जंग कैसे लड़ी जाएगी ? तब उन्होने कहा जैसे बहादुर और सूरमा लड़ते हैं.. फिर दुनिया ने देखा क्या जंग हुई..
ख़ुदा बख़्श बशारत अली :- रानी लक्ष्मीबाई के फ़ौज मे कई दस्ते थे और सबसे बड़े दस्ते के कमांडर ख़ुदा बख़्श बशारत अली थे और उनके साथ खड़ी थी 1500 पठानो की एक टुकड़ी जो आख़िर दम तक मैदान मे डटे रहे…
सरदार गुल मुहम्मद ख़ान :– रानी लक्ष्मीबाई के मुख्य अंगरक्षक थे, अपनी आख़री सांस तक रानी की हिफ़ाज़त की.. अपने जीते जी उन्होने रानी को बचाने की बहुत कोशिश की.. जब रानी ज़ख़्मी हो गईं तो उन्हे बाबा गंगा दास की कुटिया मे इन्होने ही सरदार राम चंद्रा की मदद से पहुंचाया था जहां उन्होने आख़री सांस ली..
नवाब अली बहादुर ख़ान :- बांदा स्टेट के नवाब अली बहादुर (द्वितीय) से रानी लक्ष्मीबाई का रिश्ता भाई-बहन का था। वे लक्ष्मीबाई के मुंहबोले भाई थे। अंग्रेजों के साथ हुई आखरी लड़ाई में उनका ये मुस्लिम भाई उनके साथ ही था और इतना ही नहीं रानी का अंतिम संस्कार भी इसी भाई ने किया था !
अंग्रेजों से लड़ाई के दौरान ग्वालियर के महाराजा सिंधिया, झांसी की रानी के खिलाफ थे, जबकि तात्या टोपे और बांदा के नवाब उनके साथ थे। रानी लक्ष्मीबाई और नवाब अली बहादुर का रिश्ता भाई बहन का था वे उन्हें राखी बांधती थीं।
इस लड़ाई के बाद अंग्रेजों ने उन्हें कैद कर महू भेज दिया था। बाद में उन्हें इंदौर में नजरबंद रखा गया। इसके बाद महाराजा बनारस के दबाव में अंग्रेजों ने उन्हें बनारस भेज दिया था, जहां उनका देहांत हो गया।
लक्ष्मीबाई और नवाब बहादुर के भाई-बहन के संबंध की परंपरा आज भी झांसी के कई हिन्दू-मुस्लिम परिवार निभा रहे हैं! वहां कई हिन्दू बहनें मुस्लिम भाइयों को आज भी राखी बांधती हैं।

Loading…


Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button