मानवता के पैगंबर हज़रत मुहम्मद (صلی اللہ علیہ وسلم) के पास एक शख़्स आया उसने कहा कि एे अल्लाह के रसूल, मुझे कोई एेसी बात बतायें जिसके साथ मैं जियूं और वह लम्बी न हो कि मैं उसे भूल जाऊं। आप ने फरमाया :
“तुम ग़ुस्सा न करो।”
*(मोवत्ता इमाम मालिक)*
यह दुनिया में कामयाब ज़िन्दगी हासिल करने का सब से ज़्यादा यकीनी उसूल है। एक इन्सान के लिये भी और पूरी कौम के लिये भी। (कॉपीड)
आपके प्रेषित पैगंबर का संदेश आपके नाम:-
“सम्पूर्ण सृष्टि का सृजनहार एक प्रभु हैं। वह अत्यन्त दयावान और कृपालु है। उसी की भक्ति करो और उसी की आज्ञा मानो।
र्इश्वर ने मानव पर अनगिनत उपकार किए हैं। धरती और आकाश की सारी शक्तियॉ मानव की सेवा मे लगा दी हैं। वही धरती और आकाश का मालिक हैं, वही तुम्हारा प्रभु हैं।”
#प्रेषित_मुहम्मद_सबके_हैं।
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