राष्ट्रिय
कानून व्यवस्था की दुहाई से नहीं नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी से बहाल होगी शांति- Rihai Manch
SD24 News Network
सरकार बताए नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी से वह किस दिक्कत में पड़ जाएगी, जो नहीं हो रही गिरफ्तारी
लखनऊ 11 जून 2022. रिहाई मंच ने नुपुर शर्मा के बयान के बाद हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के तहत तत्काल नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग की. देश-प्रदेश में अराजकता की स्थिति के लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहराया. सूबे के हाथरस, अम्बेडकर नगर, मुरादाबाद, सहारनपुर, इलाहाबाद समेत सात जिलों में ग्यारह एफआईआर दर्ज हुए जिसके तहत 237 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं सहारनपुर में दो व्यक्तियों के घर पर बुलडोजर चलाकर ढहा दिया है और इलाहाबाद में भी बुलडोजर, रासुका गैंगेस्टर की धमकी दी जा रही है. मंच ने कहा की कानून व्यवस्था की बात करने वाले योगी आदित्यनाथ को प्रदर्शकारियों के साथ खड़ा होना चाहिए क्योंकि वो भी नुपुर द्वारा किए जा रहे कानून व्यवस्था तोड़ने वाले कृत्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. प्रशासन समाज के जिम्मेदार लोगों से शुरू करे संवाद.
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटने का दावा करने वाले योगी आदित्यनाथ और केंद्र की भाजपा सरकार जानबूझकर नुपर शर्मा को गिरफ्तार न करके अराजकता की स्थिति बनाए रखना चाहती है. भाजपा ने नुपर को प्रवक्ता के पद से हटा दिया पर गिरफ्तारी न करके वो विरोध-प्रदर्शनों को हवा देकर साम्प्रदायिक विभाजन कायम रखना चाहती है. एक नुपर की गिरफ्तारी न होने के चलते आज सैकड़ों लोग पुलिसिया हिंसा के शिकार और जेल की सलाखों के पीछे ठूंसे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये सब आरएसएस की रणनीति के तहत हो रहा है. कभी कश्मीर फाइल्स, कभी हलाल, कभी ज्ञान व्यापी, कभी मथुरा तो अब नुपुर शर्मा के जरिए नफरत की खेती की जा रही है. जिस सवाल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को जवाब देना पड़ रहा है उस सवाल को हल न करके मुस्लिम विरोध-प्रदर्शनों की आक्रमक छवि को प्रस्तुत करने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि इन विरोध-प्रदर्शनों के पीछे फंडिंग और साजिश देखने वाली सरकार अगर भाजपा प्रवक्ताओं द्वारा फैलाए जा रहे नफरत के बवंडर को रोकती तो सड़कों पे ये तूफान न आता. योगी सरकार इस मौके को दमन के मौके के रूप में देखकर कार्रवाई कर रही है.
राजीव ने इलाहाबाद में तनाव के बाद सीएए विरोधी आंदोलन के नेताओं को प्रशासन द्वारा निशाने पर लेने को बदले की कार्रवाई कहा. प्रदर्शनों में बच्चों के शामिल होने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग चिंता जता रहा है पर उसे इस बात की भी चिंता करनी चाहिए कि इन नफरती बयानों ने मुल्क में कैसी आग लगा दी कि बच्चे भी सड़क पर आ गए. ऐसे में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भी नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की सिफारिश करनी चाहिए.
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