Connect with us

राष्ट्रिय

सिस्टम की भेंट चढ़ते, बेगुनाह डॉ कफील अहमद खान

Published

on

SD24 News Network Network : Box of Knowledge
SD24 News Network
सिस्टम की भेंट चढ़ते, बेगुनाह डॉ कफील अहमद खान
एक ऐसा व्यक्ति जो गंदी राजनीति की सूली चढ़ा दिया गया । न उसकी कर्मठता काम आई ना ही उसकी सहृदयता । सबकुछ मिट्टी में मिल गया, वजह एक ऐसी कौम का हिस्सा होना जिस पर 6 सालों से नए किस्म के गिद्धों की नज़र है जो दाढ़ी और गोल जालीदार टोपी को चुन चुन कर टारगेट कर रहे हैं।




डॉ कफ़ील ये वो नाम है जो किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं । लेकिन सियासत नामक कुत्ती चीज़ ने अच्छे भले इंसान को भी बिना किसी कुसूर के जेल में डाल कर सड़ा रहे हैं। 
उनके अक्षम्य अपराध पर आइए नज़र डालें ।
– आक्सीजन की कमी से मरते अबोध बच्चों को जीवनदान देने के लिए दिन रात एक कर देना और खुद के रिसोर्सेज से आक्सीजन सिलेंडरों का इंबुखार जैसी जानलेवा मौसमी बुखार से मासूमों को बचाने के लिए दिन और रात एक कर देना।




– कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए लोगों को समझाना और उससे बचाव के तरीके बताना।
-अब ऐसे भयानक अच्छाई के कामों का नतीजा भयानक ही होना था… क्योंकि वे भूल गए थे कि वे कितनी  भी जानें बचा लें…उनकी कोई भी नेकनामी उनके मुसलमान होने की कमी को ढक नहीं सकता।




डॉ कफ़ील का ये लिखित बयान कि ‘अगर जेल में मुझे मार दिया गया और आत्महत्या करार दिया जाए तो ये तय माना जाए कि मेरी हत्या हुई है । क्योंकि कफ़ील इतने कमजोर व्यक्तित्व का व्यक्ति नहीं हो जो जेल की सलाखों के पीछे आत्महत्या जैसी कायराना हरकत करे।’
आइए एक बार फिर डॉ कफ़ील के लिए मिलकर आवाज़ उठाएं। ट्विटर वाले भी इस बात को पुरज़ोर तरीके से उठाएं।आइए एक बार फिर चलाते हैं ।
#Free_Doctor_Kafeel_Ahmad_Khan
-लेखिका पूनम मिर्ची, एक सामाजिक कार्यकर्ता है ।




Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *