लखनऊ: फ़ोटो में मेरे साथ वसीम भाई हैं, कल सुबह इनका फ़ोन आया, इनको अपने अजन्मे बच्चे के लिए एक यूनिट O-ve ब्लड चाहिए था। बहूत संकोच के साथ इन्होंने ने बोला भाईजान एक यूनिट ब्लड चाहिए PGI में मेरे अजन्मे बच्चें के लिए अग़र आप आ जाये तो बहूत मेहरबानी होगी।
मैंने पूछा आप इतना संकोच में क्यों बात कर रहे हैं तो वसीम भाई का जवाब आया कि मुझें डर हैं कि कहीं आप मना ना कर दें क्योंकि आज कल माहौल थोड़ा ख़राब चल रहा हैं। मैं उनका डर समझ गया और उनको तसल्ली दिया कि कल सुबह मैं आकर ब्लड डोनेट कर दूंगा। आप इत्मीनान रखिये और अपनी पत्नी का ध्यान रखिये। आज सुबह मैं PGI गया और इनके बच्चे के लिए ब्लड डोनेट किया।
अग़र अपने प्रधानमंत्री की माने तो ऐसे भेषभूषा वाले लोग दंगाई होते हैं, पर हक़ीक़त में मोहब्बत और इंसानियत से भरपूर शख़्सियत हैं वसीम भाई की। वसीम भाई के साथ लगभग 3 घंटे रहा। 3 घंटे में 5 बार जूस पिलाया वसीम भाई ने सिर्फ इसलिए कि मेरा खून ज़ल्दी से बन जायेगा जूस पीने से।
“एक वो थे मेरा ख़ून बढ़ाने में लगे थे,
एक मैं था उनका ख़ून बचाने में लगा था”।
पर ना जाने कौन हैं वो लोग जो एक-दूसरे का खून पीने में लगे हैं।
-विशाल (उत्तर प्रदेश)