राष्ट्रिय
लोगों को भड़काऊ और फर्जीवाड़ा बहुत लुभाता है । क्या इसकी कभी चर्चा हुईं ?
SD24 News Network
लोगों को फर्जीवाड़ा बहुत लुभाता है. मैं कहता हूं कि भारत में हर दिन 1600 नवजात बच्चों की मौत हो जाती है तो लोग गौर नहीं करते. लेकिन फर्जी अकाउंट से शेयर किया गया कराची और सीरिया का हिंसक मगर झूठा वीडियो लोग हजारों हजार में शेयर कर देते हैं.
उन्हें अपने जीवन की गरिमा की चिंता नहीं हैं, उन्हें मजहबी नफरत बहुत आकर्षित करती है. अपने वास्तविक जीवन से जुड़ी विद्रूपताएं देखकर लोग चिंतित नहीं होते, ये बातें लोगों को शायद बोरिंग लगती हैं. आजकल वैसे भी अभियान चल रहा है कि नगेटिव बातें नहीं करनी हैं. लेकिन रोज 1600 बच्चों की मौंतें आपके समाज और देश की सच्चाई हैं.
जब मैं कई घंटे पढ़कर कोई पोस्ट लिख रहा होता हूं कि कितने लोग पढ़ेंगे? लेकिन लिखना हमारा फर्ज है. मैं जानता हूं कि जागरूक नागरिक बनना बेहद कठिन है और बजरंगी बनना बहुत आसान है.
भारत में हर 53 सेकेंड में एक नवजात की मौत होती है. अगर 1000 बच्चे पैदा होते हैं तो इनमें से 23 बच्चे एक महीने के अंदर ही मर जाते हैं. भारत में नवजात मृत्यु दर प्रति 1000 बच्चों पर 23 है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 2018 में भारत में 5.50 लाख नवजात शिशुओं की मौत हुई यानी रोजाना 1600 से ज्यादा बच्चों की मौत. यह नवजात बच्चों का आंकड़ा है.
इसके अलावा एक साल की उम्र तक का आंकड़ा इसमें जोड़ दिया तो यह और भयावह हो जाता है. 2018 में भारत में 7.20 लाख से ज्यादा बच्चे 1 साल की उम्र पूरी नहीं कर पाए.
सिर्फ गोरखपुर, मुजफ्फरपुर और कोटा में ही बच्चे नहीं मरते. ये वे मौतें थीं जिनमें विरोधी को घेरना था और राजनीति करनी थी. हर दिन देश भर में हजारों बच्चे मरते हैं. नवजात बच्चों की मौत के मामले में नेपाल, भूटान और बांग्लादेश भी हमसे बेहतर हैं.
पिछले पूरे दशक में आपने किसी चैनल पर इस मसले पर कोई चर्चा सुनी है?
Krishnkant