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जानिये कैसे हुआ था तैमुर लंग का अंत, निकला तजा दुनिया जितने

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SD24 News Network Network : Box of Knowledge
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18 फ़रवरी 1405 वो दिन जब पूरी दुनिया जितने निकला आमिर तैमूर ख़ुद ज़िंदगी की जंग हार गया। मरते वक्त तैमूर ने कहा “मेरे मरने पर कोई पागलों की तरह इधर उधर भागते हुए आंसू ना बहाए कपड़े ना फाड़े बल्कि मेरे लिए दुआ करे अल्लाह मेरे गुनाहों को माफ करे जो अनगिनत हैं।”


तैमूर के दुनिया जितने की इस सनक ने लाखों जाने ली थी दुनिया की 5% आबादी कम कर दी थी इतिहासकार लिखते है कि वो सिकन्दर और चंगेज खान के बाद उस सदी का सबसे बड़ा योद्धा था जिसने दुनिया का एक बड़े हिस्से पर फ़तह हासिल की थी। उस वक़्त दुनिया के सबसे अमीर शहर दिल्ली पर हमला करके खंडहर कर दिया था।
तैमूर ने हिदुस्तान, यूरोप से लेकर अरब तक हमला किया। बग़दाद और दमिश्क पर हमला कर के लाखों लोगो को मौत के घाट उतार दिया और कहा ये हज़रत अली के हत्यारों की क़ौम है हुसैन के हत्यारों की क़ौम है।


तैमूर पूरी ज़िंदगी जंग में रहा जब उसकी वफ़ात हुई तो वह चीन फ़तह करने निकला था जो अधूरा रह गया। तैमूर की मौत के बाद उसे “कस्तूरी और गुलाब जल से नहलाया गया, एक आबनूस ताबूत में रखा गया और समरकंद भेजा गया, जहां तैमूर को दफन कर दिया गया। 
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