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मीडिया ने नहीं दिखाई खबर, देश की मीडिया बिकाऊ मीडिया या स्वार्थी मीडिया ?
सबको पता था कि अभिनंदन भाई शाम को बार्डर पर पहुंचेगे , मीडिया सुबह से वहीं खड़ा है , अगर चंद मिनटों के लिए आज विंग कमांडर शहीद सिद्दार्थ वशिष्ठ और विक्रांत सहारावर्ती के अंतिम संस्कार को भी दिखा देती तो उन परिवारों का भी सम्मान बढ़ जाता थोड़ा सा.
सिद्दार्थ ज़ी की पत्नी जो कि स्क्वाड्रन लीडर हैं. उन्होने फुल्ल वर्दी में ही अपने पति को अंतिम सलामी दी … तीन बहनों पे अकेला भाई , केरल बाढ़ के टॉप कमांडर थे सिद्दार्थ
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जिस समाचार में मसाला न हो,रोमांच न हो मीडिया आपको नहीं दिखाएगी।कल पूरा दिन टकटकी लगाकर मीडिया अभिनंदन की वापसी को कवर करने बाघा बार्डर पर कैमरा लगाई रही।दो सेकंड के लिए भी कैमरा दूसरी ओर घुमाकर बड़गाम में एमआई-17 हेलीकाॅप्टर क्रैश में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ और झज्जर के शहीद जवान विक्रांत सहरावत का अंतिम संस्कार देश को नहीं दिखाया।यह न्यूज़ चैनलों का जघन्य अपराध है।इस अपराध के सहभागी हम लोग भी हैं।अभिनंदन की वापसी निस्संदेह महत्वपूर्ण खबर थी पर क्या इन शहीदो का कोई मोल नहीं?सिद्धार्थ 2018 में केरल में आई बाढ़ के दौरान रेस्क्यू अभियान के हीरो थे।
परिवार का हौसला बांधे हुए सिद्धार्थ के पिता भी अंतिम संस्कार की रस्मों के दौरान फूट-फूटकर रोने लगे।उन्होंने ही अपने 31 साल के बेटे को मुखाग्नि दी। पिता पीएन बी बैंक से रिटायर्ड हैं। शव यात्रा के घर से निकलने से पहले आरती पति की पार्थिव देह से लिपट कर गई।उन्होंने वीर शहीद को कंधा दिया। वर्दी में रहीं आरती तिरंगे को सीने से चिपकाकर अपने वीर पति को अंतिम विदाई दी।घर के हर कोने से एक ही आवाज आ रही थी, हमारा बनी कहां चला गया…। शहीद सिद्धार्थ का निक नेम बनी था।
देश के दूसरे हिस्से झज्जर में इसी क्रैश में शहीद विक्रांत सहरावत को अंतिम विदाई दी गई।वीरांगना सुमन ने चॉपर क्रैश में मारे गए पति के शव पर चूड़ियां उतारी और फिर डेढ़ साल के बेटे के साथ सैल्यूट करके उन्हें अंतिम विदाई दी। विक्रांत की माँ कांता कल से बदहाल है। देश दोनों वीर शहीदों को नमन करता है।साथ में अपने अपराध के लिए प्रायश्चित भी।जय हिंद। ये राष्ट्र सिर झुका कर आप हर शहीद को बार बार नमन करता है । साथ में अपने अपराध के लिए प्रायश्चित भी।जय हिंद।
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