Uncategorized

पुलवामा हमले की दर्दभरी दास्ताँ, दुश्मन की औकात नहीं ये अपनों की गद्दारी है



सोच कर देखिये कि आपको आपके घरों से खदेड़ के बाहर कर दिया जाये, आप पर गोलियाँ चलाई जाएं, आपको नक्सली बताकर जेलों में बंद कर दिया जाये, आपकी माँ बहनों का रेप किया जाये, तो आपको कैसा लगेगा?? मेरा सवाल बेवकूफ़ाना है न? पर हो तो ऐसा ही रहा है, कुछ पता चल जाता है और कुछ को दबा दिया जाता है! चाहे वो कॉंग्रेस की सरकार हो या भाजपा की! बहरहाल,

सुप्रीम कोर्ट ने आदिवासियों से उनके जंगल छिनने का तालिबानी फरमान सुना दिया है “विकास” के नाम पर! समझ में नहीं आता कि विकास किसका? हम जैसे मिडिल क्लास वाले लोगों का या उन पूंजीवाद के ठेकेदारों का??? खैर आपको इससे क्या लेना??? आप तो नज़रअंदाज़ी के फन में माहिर हैं इसलिए नज़रअंदाज़ किजिये!
SD24 News Network Network : Box of Knowledge
इमरोज़ आलम की फेसबुक वाल से साभार, उनके निजी विचार

Loading…





Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button