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मीडिया इस बात को मुद्दा कभी नहीं बनाएगी के, पुलवामा मे RDX कैसे और कहासे आया..?

जो देश में जिंदा है,जिनका मस्तिष्क अब तक सामान्य बना हुआ है वे लोग इसे महसूस करें।पुलवामा मुठभेड़ में शहीद मेजर विभूति शंकर के पार्थिव शरीर को उनके घर देहरादून में श्रद्धांजलि दी जा रही है।परिवार के हर सदस्य का रो रोकर बुरा हाल है।माँ दिल की मरीज है,उनसे यह दुखद खबर छिपाई गई, लेकिन कब तक छिपाते।माँ को जब से पता चला है उनका बेटा अब दुनिया में नहीं रहा तब से बदहवास है।अभी तक बेहोशी की हालत में है।वीडियो में देखिए मेजर विभूति शंकर की पत्नी नीतिका कौल को,इनकी शादी पिछले साल यानि 21 अप्रैल 2018 को हुई थी।शादी को एक वर्ष भी नहीं हुआ है।नीतिका बदहवास है,वे पति के पार्थिव शरीर को चूमती है और “आई लव यू” बोलती है
दूसरा वीडियो देखिये ठीक इसी समय देश के प्रधानमंत्री एक दूसरे जगह में चेहरे पर मुस्कान लिए घूम रहे हैं और अपने भक्तों से मिल रहे हैं।एक थर्ड क्लास चार लाइन सुनने के बाद वे अपने भक्त को गले से लगाते हैं और इसका वीडियो फेसबुक में पोस्ट भी करता है।देश अब यह तय करे कि प्रधानमंत्री को इस वक़्त कहाँ होना चाहिए था!
मुझे एक बात से घोर आपत्ति है।बल्कि घनघोर आपत्ति है।जब भी सीमा पर तनाव होता है,या आतंकी घटनाएं होती है,भारत -पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात बनते हैं तो कश्मीर से 2000 किलोमीटर तक दूर मुसलमान को क्यों सबसे पहले सड़क पर निकल देशभक्ति दिखाना पड़ता है।जबकि हिन्दू आराम से एक हफ्ते बाद सड़कों पर निकलते हैं।अगले दिन अखबारों में भी छपती है खबर मुस्लिमों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए,तिरंगा लहराया।जबकि यह तो स्वाभाविक ही है कि वे भारतीय है तो पाकिस्तान मुर्दाबाद तो बोलेंगे ही।जैसे हिंदुओं पर विश्वास है वैसा मुस्लिमों पर क्यों नहीं।मुस्लिमों पर देशभक्ति में “शर्ते लागू है” किसने किया?

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