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गोदी मीडिया के मुँह पर हाइकोर्ट का तमाचा ।। तब्लीगी जमात को बनाया गया बलि का बकरा

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High court slap on dock media tbligi jamat

SD24 News Network : गोदी मीडिया के मुँह पर हाइकोर्ट का तमाचा ।। तब्लीगी जमात को बनाया गया बलि का बकरा

जब जब मुसलमानो का नाम आता है गोदी मीडिया हो या अंधभक्त इसका खूब फायदा उठाते है । मुसलमानो के खिलाफ प्रोपगंडा चलाया जाता है । मुसलमानो को कोसा जाता है । चारो ओर से घेरा जाता है । कहीं न कहीं किसी न किसी बहाने मुसलमानो को टारगेट किया जाता है । जबतक मुसलमानो के खिलाफ नही बोलेंगे गोदी मीडिया का पेट ही नही भरता, शुक्र है भारत मे मुसलमान है वरना भूख से तड़प तड़प कर गोदी मीडिया मर जाता । यह बात फिर एक बार साबित हुई ।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बहुचर्चित तब्लीग़ी जमात मामले में शुक्रवार को अहम फ़ैसला सुनाया है. कोर्ट ने दिल्ली के निज़ामुद्दीन के मरकज़ में तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले 29 विदेशी नागरिकों के ख़िलाफ़ दायर की गई एफ़आईआर को रद्द कर दिया है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि “मीडिया में मरकज़ में शामिल विदेशियों को लेकर बड़ा प्रोपोगैंडा चलाया गया और ऐसी तस्वीर बनाई गई कि कोविड-19 बीमारी का वायरस फैलाने के लिए यही लोग ज़िम्मेदार हैं.”
इन विदेशी नागरिकों पर टूरिस्ट वीज़ा की शर्तों का उल्लंघन कर तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने का आरोप लगाया गया था, जिसके चलते इन पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं, महामारी रोग अधिनियम, महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और फ़ॉरेनर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.
विदेशी नागरिकों के अलावा, पुलिस ने छह भारतीय नागरिकों और याचिकाकर्ताओं को शरण देने वाली मस्जिदों के ट्रस्टियों के ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज किया था.
औरंगाबाद पीठ के जस्टिस टीवी नलवड़े और जस्टिस एमजी सेवलिकर की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर की गई तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई की. ये याचिकाकर्ता आइवरी कोस्ट, घाना, तंज़ानिया, जिबूती, बेनिन और इंडोनेशिया के नागरिक हैं.
दरअसल पुलिस ने दावा किया था कि उसे गुप्त जानकारी मिली है कि ये लोग अलग-अलग इलाक़ों की मस्जिदों में रह रहे हैं और लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर नमाज़ अदा कर रहे हैं, जिसके बाद सभी याचिकाकर्ताओं के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था.
हालांकि याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वो मान्य वीज़ा लेकर भारत आए थे, जिसे भारत सरकार ने ही जारी किया था और वो भारत की संस्कृति, परंपरा, आतिथ्य और भारतीय भोजन का अनुभव करने के लिए यहां आए थे.
कोर्ट के आदेश के “अनुसार प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में मरकज़ में शामिल विदेशियों को लेकर बड़ा प्रोपोगैंडा चलाया गया और ऐसी तस्वीर बनाई गई कि देश में कोविड-19 बीमारी का वायरस फैलाने के लिए यही लोग ज़िम्मेदार हैं. एक तरह से इन विदेशियों का उत्पीड़न किया गया.”
“एक तरफ जब कोरोना महामारी या आपदा अपने पैर पसार रही थी तब राजनीति से प्रेरित एक सरकार बलि का बकरा तलाश रही थी, और ऐसा लगता है कि इन विदेशियों को बलि का बकरा बना दिया गया. सभी हालात और कोरोना संक्रमण से जुड़े ताज़ा आंकड़े बताते हैं याचिकाकर्ताओं के ख़िलाफ़ इस तरह के कदम उठाने की ज़रूरत नहीं थी.”
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1 Comment

1 Comment

  1. Rastrear Celular

    February 10, 2024 at 5:54 am

    O software de monitoramento remoto do celular pode obter os dados em tempo real do celular de destino sem ser descoberto e pode ajudar a monitorar o conteúdo da conversa.

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