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CORONA : दुनियाभर में मुसलमानों का वैज्ञानिक योगदान, जहरीली मीडिया ने छुपाई खबर
SD24 News Network
CORONA : दुनियाभर में मुसलमानों का वैज्ञानिक योगदान, जहरीली मीडिया ने छुपाई खबर
अगर दुकान-दुकान आपने अपने झंडे गाड़ लिए हों। नाम पूछकर किसी ग़रीब को मोहल्ले से पीट कर भगा दिया हो। वाट्स अप -फ़ेसबुक पर जमकर फेक वीडियो फारवर्ड करने से समय मिल गया हो तो थोड़ी जानकारी ले लीजिए। पहले सरसों तेल नाक और कान में ज़रूर डाल लीजिएगा। इससे हर तरह का वायरस भाग जाता है।
सिप्ला उस कम्पनी का नाम है जो देशवासियों के लिए लागत मूल्य पर कोरोना से मुक्ति के लिए दवा बना रही है, बाज़ाप्ता सरकारी अनुबंध से। और इसे मदद कर रही है वर्क हार्ड कम्पनी।
सिप्ला के मालिक हैं ख़्वाजा यूसुफ़ हमीद और वर्क के सुप्रीमो हैं विप्रो वाले अज़ीम प्रेम जी, जो सरकारी फंड में सबसे अधिक 1125 करोड़ का योगदान दे चुके हैं।
किंग खान शाहरुख़ ने 50 हज़ार किट दिया, तो अपने सल्लू मियां (सलमान खान) पीछे क्यों रहते। उन्होंने 25 हज़ार कामगारों के घर न महज़ राशन पहुंचवाया बल्कि उनके खाते में 3000-3000 रुपए भी डलवाये।
अब हम जिस ‘जमाती’ की बात कर रहे वो अमेरिका में साइंस्टिस्ट है। संगम के शहर इलाहाबाद के हैं फ़राज़ ज़ैदी। सम्भव है आप को किसी भी तिहाड़ी ऐंकर या रिपोर्टर ने चीख़-चिल्ला कर नहीं बताया होगा। और किसी हिंदी अख़बार में ख़बर भी कहीं न लीड होगी। हम ही बता देते हैं
फ़राज़ ज़ैदी फिलाडेल्फिया में कोरोना को मारने के लिए वैक्सीन तैयार करने में लगे हुए हैं । 6 अप्रैल को उसका टेस्ट भी सफल रहा। एक ‘मुल्ले’ नदीम रहमान की कम्पनी न्यूलाइफ़ ने कोविड-19 से लड़ने के लिए सबसे सस्ती टेस्टिंग किट तैयार कर ली है। 4500 रुपए नहीं, मात्र 500 क़ीमत है उसकी ।
यह किट महज़ 15 मिनट में रिपोर्ट दे देती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की मुहर लगते ही योगी सरकार इसे उत्तर प्रदेश के लिए खरीदने भी लगी है ।
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(साथियों, अपने इलाके की गतिविधियाँ, विशेषताए, खबरे, लेख, फोटो विडियो, जानकारी हमें भेजे, चुनिंदा साहित्य को प्रकाशित किया जाएगा socialdiary121@gmail.com)
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