Congress-BJP की जडें एक, सिर्फ चेहरा Secular-Communal

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सेक्युलर ज्योतिरादित्य सिंधिया की घर वापसी, अब होंगे बीजेपी का कट्टर कम्युनल चेहरा 
नई दिल्ली : फ़िलहाल भारत की राजनीती काफी गरमाई है, दिल्ली दंगो के बाद केजरीवाल को संघी यानी भाजपाई घोषित किया गया । दिल्ली दंगों में भाजपा की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब हो गयी है, बीजेपी को एंटी मुस्लिम कहा जा रहा है । ऐसे में सिंधिया का ब्जापा ज्वाइन करना यह साबित करता है की, सिंधिया वहीं रहेंगे जहां एंटी मुस्लिम माहौल हो, देश के अल्पसंख्यांको पर जुल्म हो. इसका मतलब यह नहीं की कांग्रेस दूध की धूलि है । अगर इतिहास देखा जाए तो पता चलता है की, आधी बीजेपी कांग्रेस में शामिल हुई थी, और अब आधी कांग्रेस बीजेपी में शामिल हो चुकी है । इसका मतलब साफ़ है की, कांग्रेस और बीजेपी के चहरे सेक्युलर-कोमुनल है लेकिन उनकी जडें उनकी विचारधारा एक ही है । जब कांग्रेस अल्पसंख्यांक पर जुल्म करती थी, दलितों का उत्पीडन होता था, मुसलमानों को आतंकवादी कहकर जेल में ठुंसा जाता था तो बिजेओइ चुप रहती थी, और अब बीजेपी द्वारा जुल्म की हदें पार कर दी गयी, तो कांग्रेस चुप है. वरना कांग्रेस के लोग सिर्फ बीजेपी में ही क्यों जाते ????

अगर आप आज भी सिंधिया के भाजपा में जाने से परेशान है । तो आपका कुछ नही हो सकता, हमलों के बाद कल दिन और आज रात में दिल्ली पुलिस ने जो थोक भाव गिरफ्तारी करी है उसपे भी बात कर ले, जिनके घर जले जब वो हिम्मत करके घर देखने गए वो भी गिरफ्तार, औलिया मस्जिद के ज़िम्मेदार भी गिरफ्तार, मदीना मस्जिद के ज़िम्मेदार भी गिरफ्तार, उमर मस्जिद के ज़िम्मेदार भी गिरफ्तार, तैयब मस्जिद के जिम्मेदार भी गिरफ्तार, कल टायर मार्केट में जो भी दिखा वो भी गिरफ्तार, ताहिर की गली में जो नौजवान दिखा वो भी गिरफ्तार, भागीरथी विहार में जो अपने जले घरों को साफ कर रहे थे वो भी गिरफ्तार, 7 थानो में बेहिसाब गिरफ्तारी हुई कोई सवाल जवाब नही. लेकिन चर्चा उनकी जो कभी अंग्रेजों के दलाल रहे अपना राज्य बचाया और दलाल की जगह राजा कहलाये ।
–नदीम खान

जैसे ही सिंधिया की हबरे सुर्ख़ियों में आई असदुद्दीन ओवैसी के समर्थक को कांग्रेस पर कई टिप्पणियाँ की, असदुद्दीन ओवैसी को कांग्रेसी जुम्मन बीजेपी का एजंट कहते है. और यह कहते कहते आधी कोन्रेस भाजपा में शामिल हो गयी ।
ओवैसी को ऐजेंट बताते – बताते जुम्मनों के मसीहा खलीफा-ऐ-हिंद ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी अमित शाह के साथ एक ही कार से निकले 
सिंधिया पहुंचे मोदी से मिलने,
साथ में अमित शाह भी।
‘सिंधिया परिवार’ के बारे में जानना है तो ‘मणिकर्णिका’ फ़िल्म देख लो..!
कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने विचार रखते हु कहा, जुम्मन समाज, कांग्रेस को जिताने के लिए एड़ी चोटी एक कर देता है. और कांग्रेसी, BJP की सरकार बनाने हेतु एड़ी चोटी एक कर देते हैं ।

और कई चुटकुले भी वायरल हो रहे है ।
कमल’नाथ से
नाथ कटकर गिरा धड़ाम से…
अब केवल “कमल” बाकी है…
#MP
गौरतलब हो की, सिंधिया जो कर रहा है. यही तो भारतीय राजनीति है. यहां मुसलमानों को छोड़ दिया जाए तो सभी लोग राजनीति दिल से नहीं दिमाग से करते हैं. ज्योतिरादित्य की दादी विजयाराजे ने भी गिरायी थी कांग्रेस की सरकार ! अंग्रेजों के साथ मिलकर झांसी की रानी के साथ भी की थी गद्दारी, और अब फिर से खानदान की परंपरा निभा रहा है ज्योतिरादित्य सिंधिया ।सोची पुराना इतिहास याद दिला दूँ देश 1857में ही आजाद हो गया होता अगर सिंधिया राजघराने ने गद्दारी न कि होती ,कड़वा सच है। 1857 का गद्दार और मध्यप्रदेश के माथे का कोढी सिंधिया आजादी की लड़ाई के गद्दारों, माफीबाजो के साथ आ गया मतलब सही जगह यही थी

करीबी पन का त्याग करें गांधी परिवार ने बहुत बडी ताकत खो दी. पद, प्रतिष्ठा, का लालच कभी भी गद्दार बना देता है इंसान को आजीवन कांग्रेस का लडाकू अचानक बीजेपी का हो गया हो सकता है । सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी ने इनकी अहमियत कम आंकी हो लेकिन कांग्रेस ने परिवार बचा नही पाया, अगर मुख्यमंत्री इन्हे ही वना देते तो परिवार बचा रहता लेकिन करीबी कमलनाथ का मोह नही त्याग सके गांधी परिवार ।
 Kunwar Kapil Yaduvansh शुरुआत जनसंघ से हुइ थी पूरा परिवार जनसंघी था (वजह जनसंघ राजघरानों के प्रिविपर्स के पक्ष मे थी और इन्हीं के पैसो पर पलती थी ) और जनता के बीच में जनसंघ की कोइ औकात नहीं थी खुद की राजनीति को बचाने के लिए लिए माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस मे आये थे और भाजपा में जो आज ये बेवकूफ गया है वो सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री बनने के लिए गया है ।
कर्नाटक, MP आदि की राजनीति समेत पिछले 70 साल की राजनीति यही बताती है कि गोडसेवादी व गांधीवादी मिले हुए है…


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  1. Through the parental monitoring program, parents can pay attention to their children’s mobile phone activities and monitor WhatsApp messages more easily and conveniently. The application software runs silently in the background of the target device, recording conversation messages, emoticons, multimedia files, photos, and videos. It applies to every device running on Android and iOS systems.