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सोनभद्र नरसंहार के लिए कांग्रेस-सपा ही जिम्मेदार है

SD24 News Network Network : Box of Knowledge
नई दिल्ली- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मंगलवार को भी यूपी के सोनभद्र जिले में उम्मा गांव पहुंचीं थीं। पिछले महीने इसी गांव में उनके जाने को लेकर खूब राजनीति हुई थी और प्रियंका ने धरना भी दिया था। लेकिन, यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने आरोप लगाया है कि पीड़ित आदिवासियों की जमीन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के लोगों ने ही हड़पी थी और उन्हीं लोगों ने 10 आदिवासियों की हत्या भी की है। हालांकि, प्रियंका ने मायावती के गंभीर आरोपों को नजरअंदाज करके पीड़ितों को जमीन का मालिकाना हक दिए जाने की मांग की है।
सोनभद्र नरसंहार पर बसपा प्रमुख मायावती के आरोपों ने समाजवादी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस को भी सवालों के घेरे में ला दिया है। इस जघन्य अपराध को लेकर सबसे ज्यादा सियासी बवाल कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ही कर रही हैं। लेकिन, बसपा सुप्रीमो का भी आरोप है कि कांग्रेस और सपा के नेता सिर्फ घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, क्योंकि उनकी पार्टी के लोगों ने ही पहले आदिवासियों की जमीन छीन और विरोध करने पर उनकी हत्या कर दी गई। मायावती ने ट्विटर पर लिखा है, “सोनभद्र काण्ड के पीड़ित आदिवासियों के मुताबिक पहले कांग्रेस व फिर सपा के भू-माफियाओं ने इनकी जमीन हड़प ली, जिसका विरोध करने पर, इनके कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया।” एक और ट्वीट में बसपा प्रमुख ने लिखा, “अब इस घटना को लेकर सपा व कांग्रेस के नेताओं को अपने घड़ियाली आंसू बहाने की बजाय इन्हें वहां पीड़ित आदिवासियों को, उनकी जमीन वापस दिलाने हेतु आगे आना चाहिये तो यह सही होगा।” गौरतलब है कि यूपी सरकार भी इस घटना के लिए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है।
बसपा की बहनजी के आरोपों पर वाड्रा ने तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन मंगलवार को नरसंहार पीड़ितों से मुलाकात के बाद बुधवार को ट्विटर के जरिए उन्होंने कुछ मांगें सरकार के सामने रखी हैं। प्रियंका के मुताबिक पीड़ित आदिवासियों को लगता है कि जबतक उनकी जमीन का मालिकाना हक उन्हें नहीं मिलेगा, तब तक वे असुरक्षित रहेंगे और उन्हें प्रताड़ित किया जाएगा। इसके अलावा प्रियंका ने कहा है कि आरोपी प्रधान की ओर से गांव की महिलाओं और पुरुषों पर जो मुकदमें दर्ज कराए गए हैं और प्रशासन ने जो उनपर गुंडा एक्ट लगाया है उसे रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने पीड़ितों के डर को खत्म करने के लिए उम्मा गांव में पुलिस चौकी भी लगाने की मांग की है। बता दें कि प्रियंका के उम्मा दौर पर यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी निशाना साध चुके हैं। उन्होंने कहा है कि ‘प्रियंका को पार्टी के पहले के नेताओं के कृत्यों का पश्चात्ताप करना चाहिए। उनका आना राजनीतिक स्टंट के सिवा कुछ नहीं हैं।’
गौरतलब है कि सोनभद्र के घोरावल थाना इलाके में पिछले 17 जुलाई को जमीन के एक टुकड़े को लेकर हुए खूनी संघर्ष में 10 गांव वालों की हत्या कर दी गई थी और 28 लोग जख्मी हो गए थे। नरसंहार पीड़ितों के परिजनों से मिलने जा रहीं प्रियंका गांधी को 19 जुलाई को मिर्जापुर जिला प्रशासन ने बीच में ही रोक दिया था। इसके खिलाफ वे धरने पर बैठ गई थीं तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। वहां से उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया था। दूसरे दिन गोलीकांड के कुछ पीड़ित परिवारों ने गेस्ट हाउस आकर प्रियंका से मुलाकात की थी। तब भी सीएम आदित्यनाथ ने उम्मा नरसंहार के लिए कांग्रेस को ही दोषी ठहराया था। लेकिन, मंगलवार को प्रियंका उम्मा गांव पहुंचीं और पीड़ितों की बात सुनकर बुधवार को ट्विटर के जरिए उनकी मांगें सार्वजनिक की।

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