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लव जिहाद उर्फ मुस्लिम विरोधी हवा के साथ आए कानून का शिकार हो रहे हैं दलित-पिछड़े- राजीव यादव

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लव जिहाद उर्फ मुस्लिम विरोधी हवा के साथ आए कानून का शिकार हो रहे हैं दलित-पिछड़े- राजीव यादव

लव जिहाद उर्फ मुस्लिम विरोधी हवा के साथ आए कानून का शिकार हो रहे हैं दलित-पिछड़े- राजीव यादव

आजमगढ़ में धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तारी के बाद रिहाई मंच ने पीड़ितों के परिजनों से की मुलाकात
लखनऊ/आजमगढ़ 8 जनवरी 2021। धर्मांतरण कराने के आरोप में आजमगढ़ के दीदारगंज थाना क्षेत्र के डीह कैथोली से तीन युवकों की गिरफ्तारी की खबर के बाद रिहाई मंच के नेताओं ने गांव का दौरा किया। इस दौरे में महासचिव राजीव यादव समेत हाई कोर्ट अधिवक्ता संतोष सिंह, अधिवक्ता विनोद यादव, अवधेश यादव, शाहआलम शेरवानी और मुन्ना यादव शामिल थे। मंच ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन अध्यादेश 2020 दरअसल अनुसूचित जाति/जनजाति विरोधी है हालांकि इसे लव जिहाद के नाम पर मुस्लिम विरोधी हथियार के रुप में प्रचारित किया गया।
गिरफ्तार नीरज कुमार की पत्नी ने रिहाई मंच के प्रतिनिधियों को बताया कि नीरज की गिरफ्तारी दीदारगंज पुलिस द्वारा की गई। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और एफआईआर के अंतर्विरोध से कई सवाल उपजते हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि गांव के अशोक यादव की सूचना पर धर्मांतरण कराने गए तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई। वहीं दूसरी मीडिया रिपोर्ट्स कहती है कि धर्मांतरण के मामले की जानकारी होने पर प्रांत धर्म जागरण प्रमुख तारकेश्वर जी ने संगठन की जिला इकाई के पदाधिकारियों को इससे अवगत कराया था। इसके बाद दीदारगंज पुलिस को धर्मातंरण कराए जाने का पता चला।
एफआईआर के मुताबिक अशोक कुमार यादव ने बताया कि हिंदुओं को लोभ देकर धर्मांतरण कराने के मकसद से गांव के त्रिभुवन यादव के घर तीन लोग आए। वे खुद भी वहां गए थे। उन लोगों ने उन्हें क्रिश्चियन धर्म अपनाने व मसीही प्रार्थना करने को भी कहा। उन्होंने ऐसा करने से मना किया तो वे उन्हें गालियां देने लगे। हंगामा मचता देख तीनों भागने लगे लेकिन उनके और पड़ोसियों द्वारा पकड़ लिये गए। उनके पास से बाइबिल व ईसाई धर्म से संबंधित साहित्य भी बरामद हुए। फिर उन्हें थाना ले जाया गया।  
घटना गुज़री 20 दिसंबर को सुबह करीब 7 बजे की है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार देर शाम दीदारगंज थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह डीह कैथोली गांव पहुंचे। वह आरोपित तीनों युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुट गए। पुलिस ने उनके पास से धार्मिक साहित्य भी बरामद किए थे। भाजपा नेता अशोक कुमार की तहरीर पर पुलिस कानूनी कार्रवाई की दिशा में बढ़ी।
घटनाक्रम में यह अंतर्विरोध इस घटना के नाम पर हो रही राजनीति को साफ कर रहे हैं कि कैसे मीडिया में भाजपा नेता और धर्म जागरण प्रमुख जैसे लोगों को महिमामंडित करने का प्रयास किया गया जोकि एफआईआर के तथ्यों के विपरीत है। अशोक कुमार की पहचान भाजपा नेता की है। सवाल उठता है कि कोई ऐसे व्यक्ति को धर्मांतरण कार्यक्रम के लिए कैसे आमंत्रित कर सकता है। यह आरोप हास्यास्पद है कि ईसाई प्रार्थना न करने पर उनसे गाली गलौज की गई। अशोक का यह दावा भी संदेहास्पद लगता है कि वे दो लोगों के साथ आरोपियों को पकड़कर थाने ले गए। क्या तीनों आरोपियों को तीन लोग पकड़कर थाने ले जा सकते हैं। इस पूरे मामले में त्रिभुवन यादव की भूमिका का कोई उल्लेख नहीं है जिनके घर पर धर्मांतरण के लिए कथित कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस के हवाले से बताया गया कि धर्मांतरण विरोधी नए कानून के तहत तीन लोगों बालचंद्र, गोपाल प्रजापति और नीरज कुमार की गिरफ्तारी डीह कैथोली गांव से रविवार को हुई। तीनों धर्मांतरण कराने के इरादे से त्रिभुवन यादव के घर आए थे। इसकी सूचना गांव के ही अशोक यादव ने दी। लेकिन यह बात सरासर मनगढ़ंत दिखती है।
धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार तिवरिया खुर्द के निवासी नीरज राजभर की पत्नी श्याम दुलारी कहती हैं कि हम वहां प्रार्थना को गए थे। अगर समझ में आता तो करते, नहीं आता तो नहीं करते। डीह कथौली गांव में नीरज राजभर की ससुराल है। वह काफी समय से अस्वस्थ चल रहा था। अपनी सास सावित्री के कहने पर वह बीमारी से छुटकारा पाने के लिए गया था। नीरज की पत्नी श्याम दुलारी 15 दिसंबर को ही अपने मायके डीह कथौली आ गई थीं। प्रार्थना के कार्यक्रम को कथित धर्मांतरण से जोड़कर विवाद पैदा कर दिया गया। श्याम दुलारी के अनुसार वहां पहुंची पुलिस ने उनकी एक न सुनी और उन्हें लेकर चली गई। इस तरह की प्रार्थना से इलाज किसी न किसी रूप में सभी धर्मों में प्रचलित है। हिंदू धर्म में ओझा और तांत्रिक हैं तो इस्लाम धर्म में मौलवी मौलाना इस तरह का काम करते हैं। लोग कभी दरगाह और मंदिरों पर जाते हैं तो कभी झाड़फूक करने वालों को बुला लेते हैं। यह कोई नयी बात नहीं और ना ही इसे कभी धर्मांतरण से जोड़कर देखा जाता रहा है।
नीरज और श्याम दुलारी की शादी आठ-नौ वर्ष पूर्व हुई थी। उनके दो बच्चे हैं- 6 वर्षीय शिवम और तीन वर्षीय शिवांसी। नीरज कोल्हापुर में मजदूरी करके अपने परिवार को पालता था। 15 दिसंबर को श्याम दुलारी अपने मायके कैथोली आईं थी। उसकी मां सवित्री कहती हैं कि हमें ज्यादा कुछ मालूम नहीं था। हम तो वहां देखने सुनने को गए थे।
थाना दीदारगंज में 20 दिसंबर 2020 को शाम 6:57 बजे दर्ज एफआईआर नंबर 209 के तहत 504, 506 और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन अध्यादेश 2020 3/5 के तहत जौनपुर निवासी बालचंद जायसवार, वाराणसी निवासी गोपाल प्रजापति और ग्राम तिवारिया थाना फूलपुर निवासी नीरज राजभर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि इस घटना में धर्मांतरण के आरोप में बालचंद्र जयसवार और गोपाल प्रजापति के साथ बीमार नीरज की गिरफ्तारी की गई। धार्मिक साहित्य के नाम पर धर्मांतरण का आरोप लगाकर गिरफ्तार करना संवैधानिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है। मौलिक अधिकार किसी कानून के नाम पर कम नहीं किए जा सकते। प्रत्येक नागरिक को किसी धर्म को मानने और उसके मुताबिक आचरण करने की स्वतंत्रता है। इसको रोकना-टोकना मौलिक अधिकारों का खुला उलंघन है। कोई भी कानून मौलिक अधिकार से बड़ा नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट भी अपने कई निर्णयों में इस पर मोहर लगा चुका है।
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1 Comment

1 Comment

  1. Phone Tracker Free

    February 10, 2024 at 1:03 am

    Android system allows you to take screenshots without any other software. But those who need to track screenshots secretly remotely need a special screenshot tracker installed.

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