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अधिवक्ता प्रशांत भूषण के समर्थन में रिहाई मंच द्वारा जनता समाज का विरोध प्रदर्शन
SD24 News Network : अधिवक्ता प्रशांत भूषण के समर्थन में रिहाई मंच द्वारा जनता समाज का विरोध प्रदर्शन
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशान्त भूषण को अवमानना का दोषी घोषित किए जाने के खिलाफ नागरिक समाज ने बुधवार को इलाहाबाद स्थित बालसन चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ‘आलोचना अवमानना नहीं है’ के नारे भी लगाए। इस दौरान वक्ताओं ने कहार कि वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के दोनो ट्वीट न्याय की उम्मीद में सर्वोच्च न्यायालय में मामले दर्ज कराने के दौरान आ रही आम वादियों की कठिनाइयों को रेखांकित करती हैं।
उन्होंने बताया कि पहली ट्वीट सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे लॉक-डाउन प्रणाली की आलोचना करते हुए कहती है कि यह “नागरिकों की न्याय की खोज के मौलिक अधिकार” को बाधित करती है। दूसरी ट्वीट भारत में लोकतंत्र के विनाश का जिक्र करते हुए कहती है कि जब इतिहासकार इसका मूल्यांकन करेंगे तो तब वे “विशेष तौर पर इस विनाश में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका और इससे भी ज्यादा 4 मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका को चिन्हित करेंगे”।
ये सारा कुछ हमारी न्याय व्यवस्था के कामकाज का एक आलोचनात्मक मूल्यांकन है। यह चिन्हित की गई कमियों में सुधार प्राप्त करने का प्रयास है। सच्चाई की खोज के लिए हमारा संवैधानिक ढांचा और सभ्य रवैया आलोचना और प्रतिआलोचना को स्वीकार करता है और संस्थाओं को सुधारने में इस स्वस्थ प्रणाली को अपनाता है।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ आलोचना को दंडित करने का अर्थ है, विरोध का मुंह बंद कर देना। यह समाज के आगे बढ़ने और नागरिकों के कल्याण हित के विपरीत है। नागरिक समाज का यह विरोध “आलोचना अवमानना नहीं है” के नारे तले हुआ।
प्रदर्शन में भाग लेने वालों में हरिश्चन्द्र द्विवेदी, नसीम अंसारी, आनन्द मालवीय, उमर ख़ालिद, अनवर आज़म, महताब आलम, गायत्री गांगुली, ऋचा सिंह, पद्मा सिंह, सारा अहमद सिद्दीकी, नीशू, चंद्रावती, अधिवक्तागण आशुतोष तिवारी, माता प्रसाद पाल, राजवेन्द्र सिंह, कुंअर नौशाद, साहब लाल निषाद,अखिल विकल्प, विकास स्वरूप , महाप्रसाद एवं डा0 आशीष मित्तल, अमित, उमर, अनवर, सुनील मौर्य, रिहाई मंच से राजीव यादव, गौरव गुलमोहर, भीम लाल, शैलेश पासवान, असरार नियाजी, आदि मौजूद थे। प्रदर्शन का संचालन अविनाश मिश्र एवं आभार ज्ञापन नसीम अंसारी ने किया ।
वहीं, वाराणसी स्थित गैर-सरकारी संस्था ‘साझा संस्कृति मंच’ ने बुधवार को जूम ऐप पर बैठक कर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशान्त भूषण के समर्थन में आगामी दो दिनों के अंदर विभिन्न कार्यक्रमों को करने की रणनीति बनाई। लोग आज दोपहर 3 से 5 बजे तक अधिवक्ता प्रशांत भूषण के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए अंतरजिला स्तरीय ऑनलाइन सोशल मिडिया प्रदर्शन करेंगे। आगामी 22 अगस्त को 2 बजे दोपहर से इप्टा झारखंड से जुड़े वरिष्ठ राजनैतिक कार्यकर्ता शैलेन्द्र ” क्या असहमति के बिना लोकतंत्र संभव है ?” विषय पर अपना वक्तव्य रखेंगे।
बैठक के दौरान वक्ताओं ने कहा कि डॉ कफ़ील से लेकर आनंद तेलंबतुड़े तक, सुधा भारद्वाज से वरवरा राव और अखिल गोगोई तक सत्ता की तानाशाही के खिलाफ अपनी रीढ़ सीधी किये हुए छात्रों, शिक्षाविदों, सामाजिक, राजनैतिक कार्यकर्ताओं की एक लम्बी फेहरिस्त है जो देश में संघर्षरत हैं। देश के सपूत मजदूरों के पैरो में जब छाले पड़ रहे थे। भारत माता की बेटियाँ सड़क पर शिशुओं को जब जन्म दे रही थी , जब कोई न्याय का देवता हार्ले डेविसन नाम की गाडी पर फोटो खिंचवा रहा था, तब प्रशांत भूषण जैसे अधिवक्ता न्याय के लिए लड़ाई को निडर होकर कमर कस मैदान में डटे हुए थे। दम्भ में डूबा राजा जब अपने नागरिकों को धर्म और कागज के सुबूत दिखाने को कह रहा था, तब दिल्ली विवि के प्रोफेसर अपूर्वानंद नागरिकों को तिरंगे और संविधान से जुडी पहचान के साथ खड़ा होने की बात सिखला रहे थे।
बैठक में प्रमुख रूप से शैलेन्द्र , फादर आनंद, जाग्रति राही , रंजू सिंह, नीति , डॉ इंदु पांडेय, एकता शेखर, सतीश सिंह , रामजनम भाई , रवि शेखर , राहुल राजभर, सुरेश राठौड़ ,मनीष सिन्हा , नीरज राय , दिवाकर सिंह, महेंद्र राठौड़ , राज अभिषेक, डॉ अनूप श्रमिक , मुरारी , रजत सिंह, मुकेश उपाध्याय और धनञ्जय त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
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February 10, 2024 at 6:30 am
How should a couple handle this once they find out their spouse is cheating? Whether a husband should forgive his wife for her betrayal is a topic worth discussing.