5 दिन में विधवा हुई दुल्हन, एनकाउंटर में मारा गया पति
खुशी दुबे नाम की एक लड़की की 5 दिन पहले शादी हुई थी। उसके पति अमर दुबे को यूपी पुलिस ने कथित एनकाउंटर में मार दिया। खुशी की सारी खुशियाँ गम में बदल गयीं।
खुशी की 29 जून को शादी हुई थी , ऐसी भी चर्चा है कि अमर दुबे ने उसके साथ दबाव डाल कर शादी किया क्युँकि खुशी दुबे का परिवार अमर दुबे से अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता था।
पर विकास दुबे ने गुंडई के दम पर गरीब परिवार को शादी से पहले चौबेपुर के थानेदार विनय तिवारी के पुलिसिया ज़ोर पर अपने घर पर बुलाया और जबरन खुशी दुबे की शादी अपने घर से ही अमर दुबे से 29 जून को करा दी थी।
2 जुलाई को विकास दुबे द्वारा जघन्य हत्याकांड हुआ। तब तक तो इस विवाहिता के हाथों की मेंहदी भी नहीं सूखी थी और 2 दिन में ही खुशी दुबे को साजिशकर्ता मान कर जेल में ठूस दिया गया। तब जबकि विकास दुबे की पत्नी को निर्दोष बताकर छोड़ा जा चुका है।
विकास दुबे की 25 साल से पत्नी रिचा दुबे अगर साजिश में शामिल नहीं थी तो अमर दुबे की केवल 2 दिन की विवाहिता कैसे साजिश में शामिल हो सकती है ? मेरा साधारण सा सवाल बस इतना सा है ? 2 दिन में विधवा हो गयी खुशी दुबे के माता – पिता का कहना है,
“हम इतनी हिम्मत नहीं रखते कि अपनी बेटी को देखने जेल तक चले जाएं। हमें डर है कि बेगुनाह बेटी को जब पुलिस वालों ने आरोपी बनाकर जेल भेज दिया तो कहीं हमें भी जेल ना भेज दे क्योंकि बेटी को जन्म तो हम ही ने दिया था।”
खुशी दुबे को न्याय मिले , त्वरित जाँच हो और यदि वह निर्दोष है तो अविलम्ब उसे रिहा किया जाए। पर गरीबी ऐसा शायद ही करने दे।
Mohd Zahid