मेरा झूठ ही है मेरा शासन! झूठ ही शक्ति है, झूठ देशभक्ति है, झूठ ही सम्मान है, झूठ ही ईमान है, झूठ अंतिम सत्य है, झूठ की प्रशस्ति है…
दो दिन से खबरें फैलाई जा रही हैं कि केंद्र सरकार मजदूरों को फ्री यात्रा करवा रही है. राज्य भी फ्री यात्रा की घोषणा कर रहे हैं. शुरुआती मामला सामने आया था कि कर्नाटक ने मजदूरों से दोहरा बस किराया वसूला. तर्क था कि बस जाएगी तो खाली आएगी, इसलिए दोनों तरफ का किराया देना है.
परसों भी कल भी तमाम रिपोर्ट आईं कि मजदूरों के पास पैसे नहीं हैं, फिर भी उनसे बढ़ा किराया वसूला जा रहा है. इसके जवाब में कल दिनभर फैलाया गया कि 85 फीसदी खर्च केंद्र देगा, 15 फीसदी राज्य देगा. न इस आशय का आदेश सामने आया, न यह व्यवस्था लागू होती दिखी.
कल एनडीटीवी ने रिपोर्ट की जिसमें हैदराबाद और मुंबई से लोग पैदल बिहार, यूपी के लिए निकले हैं.
कल अहमदाबाद मिरर ने रिपोर्ट की कि अहमदाबाद, सूरत, बडोदरा से मजदूर टिकट लेकर ट्रेन में चढ़े हैं.
आजतक ने आज रिपोर्ट किया है कि केरल और गुजरात से झारखंड पहुंचे मजदूरों से 700 से लेकर 875 तक किराया वसूला गया है. तिरुवनंतपुरम से 1129 मजदूरों का जत्था लेकर ट्रेन सोमवार शाम देवघर पहुंची. इनमें से अधिकांश मजदूर संथालपरगना के हैं. बाकी साहेबगंज, पाकुड़, गोड्डा, गिरिडीह, गढ़वा, लातेहार, रामगढ़, धनबाद और गुमला के रहने वाले हैं. इन सभी मजदूरों से रेल किराया लिया गया था. सूरत से झारखंड आए 1200 मजदूरों ने भी रेल टिकट दिया.
किसी ने कर्ज लिया है तो किसी ने घर से पैसा मंगवा कर टिकट खरीदा है.
जनता भक्त हो गई है. जनता मस्त हो गई है. निर्धनों से वसूली को जनता अभयदान समझ रही है.
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-लेखक कृष्ण कांत, स्वतंत्र पत्रकार