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लोग सड़कों पर सरकार की ईंट से ईंट बजा दी । राष्ट्रपति ट्रम्प की बोलती बंद।
अमेरिकन ने साबित किया है कि जीवन जीने की चाह से बढ़कर लोकतंत्र की चाह है। अमेरिका के तमाम शहरों में कोरोना संक्रमण बेक़ाबू हो रहा है,भारी तबाही की आशंका जताई जा रही है लेकिन लोग सड़कों पर हैं, सरकार की ईंट से ईंट बजा रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प की बोलती बंद है।
हम उस जगह पर हैं जहाँ रोटी, डेमोक्रेसी से बढ़कर है, जीवन जीने की चाह से बढ़कर है। हमें लगता है कि बस जब तक जीवित हैं हमें दो जून की रोटी मिलती रहे। दरसल हमें ऐसा ही बनाकर रखा गया है, ऐसे में ही उनका हित सुरक्षित है। वो जानते हैं कि भूख से बिलबिला रहा समाज रोटी, कपड़ा, मकान की बुनियादी ज़रूरत पूरा करने में ही लगा रहेगा।
जार्ज फ़्लाय्ड की लौमहर्षक मृत्यु के बाद हुए प्रदर्शन में अब तक ४ हज़ार लोगों की गिरफ़्तार किया जा चुका है। कोरोना का डर भूलकर अमेरिकन मानवता, लोकतंत्र और सामाजिक मूल्यों को बचाने में लगे हैं। यह विरोध रंगभेद के ख़िलाफ़ नही है वर्ग भेद के ख़िलाफ़ है। वह वर्ग जिसमें एक लाचार है बेबस है शोषित है और दूसरा वर्ग शोषण कर रहा है, मज़े ले रहा है , तमाशे देख रहा है। लाकडाउन के दौरान भूख प्यास से लड़ कर अपने घर जाने को बेबस देश का हर मज़दूर जार्ज फ़्लाय्ड था।
मगर अफ़सोस, केवल अफ़सोस हम ख़ामोश रहे, डरे रहे, भयभीत रहे। देखो पश्चिम में किस तरह से दुनिया की सर्वाधिक शक्तिशाली सरकार डरकर थर थर काँप रही है।
आवेश तिवारी