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आरक्षण के खिलाफ जहर उगलने वाले समाचार पत्र के खिलाफ कार्यवाही की मांग, चौरासी विधायक राजकुमार रोत ने लिखा अशोक गहलोत को पत्र
डूंगरपुर। हाल ही मे राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी द्वारा आरक्षण को लेकर ‘पुनर्विचार आवश्यक’ नामक एक संपादकीय लेख छपा जिसको लेकर समस्त एससी एसटी ओबीसी वर्ग के समुदाय मे खासा रोष उत्पन्न हो रहा है और साथ ही सोशल मीडिया पर इसकी प्रतियां जलाकर व आंदोलन कर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं ।
इसी मामले को लेकर डूंगरपुर के चौरासी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय ट्रिब्यूनल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखा है जिसमे समाचार पत्र के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की है। रोत राजस्थान से सम्भवत: पहले ऐसे विधायक है जिसने इसके खिलाफ आवाज उठाई है।
रोत ने अपने पत्र मे लिखा कि राजस्थान पत्रिका के संपादक गुलाब कोठारी समय-समय पर संवैधानिक आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ लिखते रहे हैं यह शर्मनाक बात है,पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है लेकिन जिस तरह राजस्थान पत्रिका द्वारा देश के शोषित ,पीड़ित व मूलनिवासी समाजों को संविधान के अनुरूप मिल रहे आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ लिखा जा रहा है,सरासर तथ्यहीन है।
इन समाजों का हमेशा शोषण हुआ है अत: उनको मुख्यधारा में लाने के लिए संविधान निर्माताओं ने आरक्षण की व्यवस्था की है। लेकिन गुलाब कोठारी के लेख से यह साबित होता है कि वह कहीं न कहीं आरक्षण विरोधी भावना रखते हैं और उनके विचारों में जातिवाद का जहर घुला हुआ है।
आज एक तरफ पूरा देश कोरोना वैश्विक महामारी से झूझ रहा है और उसी बात का फायदा उठाते हुए यह समाचार पत्र एससी ,एसटी ,ओबीसी वर्ग के संवैधानिक आरक्षण व्यवस्था पर बार-बार जहर उगल रहा हैं।
अत: मैं आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व होने के नाते आपसे आग्रह करता हूं कि इस तरह जहर उगलने वाले संपादक के द्वारा माफी मंगवाई जाए व वास्तविक आरक्षण की परिभाषा को उनकी पत्रिका के माध्यम से परिभाषित किया जाए और साथ ही उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए।