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मुसलमान सिर्फ पंचर नही बनाते देखो क्या क्या बनाते है।
मिसाइल भी बनाते हैं- देश के सबसे बड़े वैज्ञानक APJअबुल कलाम
कोरोना वैक्सीन भी बनाते हैं- अमेरिका के एंटी कोरोना वैक्सीन बनाने वाली टीम के लीडर डा फराज़ ज़ैदी
कोरोना टेस्ट किट भी बनाते हैं- भारत के मशहूर डॉक्टर नदीम रहमान
गरीबो के लिए सस्ती दवाइयां भी बनाते हैं-CIPLA CO.
सबसे बड़े दानवीर भी बनाते है-अज़ीम प्रेम जी
संगीत में भी टॉप वन है संगीतकार A.R.REHMAN
सबसे अच्छे बाल भी बनाते हैं – हबीब हम किसी बात में पीछे नहीं है
आपको सुन्दर दिखने के लिए कॉस्मेटिक भी बनाते हैं-शहनाज हुसैन
पढ़ लिखकर बड़े से बड़ा अधिकारी बनने के लिए अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, आमिया जैसी यूनिवर्सिटी भी बनाते हैं-
मज़हबी तालीम के लिए दुनिया का बड़ा मदरसा भी बनाते हैं -दारूल उलूम देवबंद, नदवा, जमीयतुल फ़लाह
देश के सर्वोच्च न्यायव्यवस्था सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश भी बनाते हैं- A.M.AHMADI(ex)
जाब देश पर कोई दुश्मन हमला करता है तो दुश्मन का टैंक भी उडाते है- वीर अब्दुल हमीद
कोई देश पर अनैतिक कब्ज़ा कर हमें गुलाम बनाता है तो देश को आज़ादी भी दिलाते है- टीपू सुल्तान, अशफाकुल्लाह खान, मौलाना आज़ाद
मुसलमान प्रशासनिक व्यवस्था इ भी पीछे नहीं है I.A.S टाॅपर भी बनाते हैं- शाह फैसल, जावेद उस्मानी
जस आवाज़ की दुनियाभर में तारीफ़ होती है, जसके मरने के कई साल बाद भी लोग जिन्हें साहब कहते है सबसे अच्छा गायक भी बनाते हैं- मौहम्मद रफी साहब
देश के प्रथा पुरुष भी है मुसलमान राष्ट्रपति भी बनाते हैं- डा ज़ाकिर हुसैन, फखरूद्दीन अली अहमद, A.P.J Abul KALAM. देश के लोगों का स्वास्थ्य बना रहे इसलिए आयुर्वेदिक दवाइयां भी बनाते हैं- जैसे LIVE 52 (हिमालय ड्रग्स) यूनानी दवाईया- जैसे सिनकारा ( हमदर्द). और हां क्या आपको पता है मुसलमान जूता भी अचछा बनाते हैं- RED CHEF. राष्ट्रिय आपदा की इमानदार खबरे देखिये मुसलमान और भाईचारा भी बनाते हैं। इसके अलावा और बहुत कुछ बनाते हैं। राष्ट्र निर्माण के लिए सभी चीज़े बनाते हैं। हां. केवल मूर्ख नही बनाते हैं।
ये 7 महान मुस्लिम वैज्ञानिक जिनकी खोजों को दुनिया से छिपा दिया गया
दुनियाभर में मुस्लिम वैज्ञानिकों ने जो योगदान दिया उसे एक बड़ी साजिश के तहत नज़रअंदाज कर उनकी उपलब्धियों को दफन करने की कोशिश की गई. साजिश में किसी एक मुल्क को ज़िम्मेदार ठहराना बेमानी होगा लेकिन अमेरिका,रूस जर्मनी, ब्रिटेन और फ़्रांस सहित दुनिया के कई बड़े मुल्कों ने मिलकर मुस्लिम वैज्ञानिकों द्वारा की गई खोजों पर न सिर्फ पर्दा डाल दिया बल्कि उन वैज्ञानिकों की पहचान को भी छिपाए रखा.
इब्न सीना- इब्न सीना का पूरा नाम अली अल हुसैन बिन अब्दुल्लाह बिन अल-हसन बिन अली बिन सीना है. इनकी गणना इस्लाम के प्रमुख डाक्टर और दर्शिनिकों में होती है.उनकी गणित पर लिखी 6 पुस्तकें मौजूद हैं जिनमे “रिसाला अल-जराविया ,मुख्तसर अक्लिद्स, अला रत्मातैकी, मुख़्तसर इल्म-उल-हिय, मुख्तसर मुजस्ता, रिसाला फी बयान अला कयाम अल-अर्ज़ फी वास्तिससमा शामिल हैं.
अल-बैरूनी – अबू रेहान अल बैरूनी का पूरा नाम अबू रेहान मुहम्मद इब्न अहमद अल बैरूनी है। ये 9 सितंम्बर 973 ई को ख्वारिज्म के एक गाँव बैरून में पैदा हुए। ये बहुत बड़े शोधकर्ता और वैज्ञानिक थे. अल बैरूनी ने गणित, इतिहास के साथ भूगोल में ऐसी पुस्तकें लिखीं हैं.
अल तूसी- इनका पूरा नाम अल अल्लामा अबू जाफर मुहम्मद बिन मुहम्मद बिन हसन अल तूसी है. ये सातवीं सदी हिजरी के शुरू में तूस में पैदा हुए. इन्होने बहुत सारी किताबे लिखीं जिसमे अहम “शक्ल उल किताअ” है. यह पहली किताब थी जिसने त्रिकोणमिति को खगोलशास्त्र से अलग किया.
जाबिर बिन हियान –मुस्लिम रसायन शास्त्री : रसायन शास्त्री कहा जाता है. उसे पश्चिमी देश में गेबर के नाम से जाना जाता है. इन्हें रसायन विज्ञान का संस्थापक माना जाता है. जाबिर बिन हियान पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पदार्थ को तीन भागों – वनस्पति, पशु और खनिज में विभाजित किया. रासायनिक यौगिकों जैसे कार्बोनेट, आर्सेनिक, सल्फाइड की खोज की.
अल जज़री : अल जजरी अपने समय के महान वैज्ञानिक थे.महान वैज्ञानिक ने अपने समय में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में इन्कलाब बरपा कर दिया था. इनका सबसे बड़ा कारनामा ऑटोमोबाइल इंजन की गति का मूल स्पष्ट करना था और आज उन्हीं के सिद्धांत पर रेल के इंजन और अन्य मोबाइलों का आविष्कार संभव हो सका.इब्न अल हैशम : इब्न अल हैशम का पूरा नाम अबू अली अल हसन बिन अल हैशम है. ये ईराक के एतिहासिक शहर बसरा में 965 ई में पैदा हुए. इन्हें भौतिक विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग और खगोल विज्ञान में महारत हासिल थी. इब्न अल हैशम ने प्रकाश के प्रतिबिम्ब और लचक की प्रकिया और किरण के निरक्षण से कहा कि जमीन की अन्तरिक्ष की उंचाई एक सौ किलोमीटर है. इब्न अल हैशम ने ही यूनानी दृष्टि सिद्धांत को अस्वीकार करके दुनिया को आधुनिक दृष्टि दृष्टिकोण से परिचित कराया.
अल किंदी : इनका पूरा नाम याकूब इब्न इशहाक अल-किंदी है. इनके पिता कूफा के गवर्नर थे. इन्होने प्रारंभिक शिक्षा कूफ़ा ही में प्राप्त बाद में बगदाद चले गये. अल किंदी ने ही इस्लामी दुनिया को हकीम अरस्तू के ख्यालों से परिचित कराया और गणित, चिकित्सा विज्ञान, दर्शन और भूगोल पर 241 उत्कृष्ट पुस्तकें लिखी.