सनसनीखेज : क्या आप भी खाते है बाजार का देसी घी ? तो हो जाए सावधान

सनसनीखेज - क्या आप भी खाते है बाजार का देसी घी तो हो जाए सावधान

SD24 News Network – सनसनीखेज : क्या आप भी खाते है बाजार का देसी घी ? तो हो जाए सावधान

पशुपालक भाइयों को अगर ये लगता हूँ कि चर्बी वाले के विरोध में लिखने से उनका नुकसान होगा तो वो गलत सोच रहे हैं।



जानवर से निकली चर्बी बल्क में 25-35 रुपये किलो तक बिकती है,जिसको प्रोसेस कर के #नकली_घी का बेस बनाया जाता है, इस बेस में कलर और कैमिकल डाल के घी का रंग और स्वाद तैयार किया जाता।
ये जहर जैसा नकली घी 100-125रुपये में बन के तैयार हो जाता है, जो थोक व्यापारियों को जायद से ज्यादा  200 रुपये तक में बेचा जाता और फुटकर ग्राहक को अधिकतम 350-400  रुपये में बेचा जाता है।



चूंकि हड्डी,खाल,आंतें,खून की तरह चर्बी भी मीट का बाईप्रोडक्ट है, और जानवर मुख्य रूप रूप से मीट के लिए काटे जाते हैं। जब तक दुनियाँ में मीट की डिमांड है, कट्टू जानवर बिकते रहेंगे, तो पशुपालको को चर्बी के घी के इस अवैध कारोबार के लिए ज्यादा फिक्रमंद होने की जरूरत नहीं है।
इस नकली घी से सबसे ज्यादा नुकसान दुधारू पशुपालकों को ही है, खासकर के उन ग्रामीण क्षेत्र में जहाँ दूध सस्ता रहता है।



चुंकि दूध खराब हो जाता है इसलिए वो घी निकाल के बेचते हैं, ऐसे क्षेत्रों की औरतों की अतिरिक्त कामाई का साधन ये #असली_घी है।
इस समय देश में नकली घी का मार्केट 12000 करोड़ का है, जो पशुपालकों और खासकर असली घी बेचने वाली इन घरेलू महिलाओं के हिस्से में आना चाहिए।
-विकास राठौर, आगरा, उत्तर प्रदेश

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