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मोदी से गुहार लगा टीवी पर रोने लगे MLA- ‘प्लीज हेलिकॉप्टर भेजिए, नहीं तो 50000 मर जाएंगे’

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SD24 News Network Network : Box of Knowledge
केरल में बाढ़ प्रचंड आपदा बनकर सामने आया है। बारिश और बाढ़ की वजह से 16 अगस्त को 24 घंटे के भीतर 106 लोगों के मारे जाने की खबर हैं। ऑक्सीजन की कमी और ईंधन की किल्लत से संकट और भी गहरा हो गया है। इसका असर रेस्क्यू ऑपरेशन पर पड़ा है। बीते आठ अगस्त से अब तक केरल में जल प्रलय ने 173 लोगों की जान ले ली है। केरल के चेंगन्नूर में हालत बेहद खराब हैं।
शुक्रवार (17 अगस्त) को चेंगन्नर के माकपा विधायक साजी चेरियन पीएम नरेंद्र मोदी से मदद की अपील कर टीवी स्टूडियो में ही रोने लगे। अपने विधानसभा क्षेत्र की हालत का वर्णन करते हुए चेरियन ने रोते हुए कहा, “प्लीज मोदी को कहिए वो हमें हेलिकॉप्टर दें, हमें हेलिकॉप्टर चाहिए…प्लीज, प्लीज…नहीं तो 50000 लोग मारे जाएंगे, हमलोग नेवी से पिछले चार दिनों से मदद मांग रहे हैं लेकिन अबतक को मदद नहीं पहुंचा है, अब एकमात्र उपाय एयरलिफ्ट ही रह गया है…प्लीज, प्लीज, प्लीज।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक विधायक साजी चेरियन की प्रार्थना के बाद नेवी ने 10 नावें चेंगन्नूर भेजी हैं। शुक्रवार शाम को सीएम पी विजयन ने भी स्वीकार किया था कि चेंगन्नूर बाढ़ से सबसे बदतर रुप से प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। सीएम के मुताबिक बाढ़ की तेज धारा की वजह से यहां पर रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी दिक्कत आ रही है। बता दें कि पीएम मोदी ने शनिवार (18 अगस्त) को केरल के कोच्चि में बाढ़ और रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। पीएम मोदी शुक्रवार शाम को ही पूर्व पीएम वाजपेयी की अंतिम यात्रा में शामिल होने के बाद केरल आ गये थे।
बाढ़ के कारण खूबसूरत राज्य को गहरा धक्का लगा है और पर्यटन उद्योग बहुत प्रभावित हुआ है। हजारों एकड़ खेत में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। बुनियादी ढांचे को बड़ा नुकसान पहुंचा है। अलग-अलग जगहों पर फंसे 80,000 से ज्यादा लोगों को आज सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया। इनमें 71,000 से ज्यादा लोग बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित एर्नाकुलम जिले के अलुवा क्षेत्र से थे। तीनों सेनाओं के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने छतों और ऊंची जगहों पर फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने का दुरूह काम आज फिर से शुरू किया।
पहाड़ी इलाकों में पहाड़ के हिस्से जमीन पर गिरने से सड़क जाम हो रहे हैं, जिससे बाकी जगहों से उनका संपर्क टूट जा रहा है। द्वीप की शक्ल ले चुके कई गांवों में फंसे लोगों को निकालने का अभियान भी जारी है। नौका से नहीं पहुंचने लायक जगहों में फंसी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित कई लोगों को सेना के हेलीकॉप्टरों से सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है। सरकारी सूत्रों के मुताबिर 29 मई, जब दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में दस्तक दी थी, उसके बाद से अबतक 385 लोग मारे जा चुके हैं। बाढ़ से मरने वालों की संख्या लगभग 175 है।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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