कुछ दिनों पहले दुमका में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करने वालों को कपड़ों से ही पहचाना जा सकता है. और कल ही की घटना देखिए. पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद. 6 लोग लुंगी और टोपी पहनकर ट्रेन पर पत्थर फेंक रहे थे. माहौल तो वैसे ही खराब है. पुलिस ने पकड़ा. पता चला कि लोग BJP के कार्यकर्त्ता.
इस बारे में सबसे पहली खबर प्रकाशित हुई The Telegraph में. खबर बताती है कि मुर्शिदाबाद के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यहां के राधामाधाब्ताला गांव के लोगों ने 6 लोगों को ट्रेन पर पत्थर मारते हुए पकड़ा. ये 6 लोग सिआल्दाह-लालगोला लाइन पर मौजूद ट्रायल इंजन पर पत्थर फेंक रहे थे. पुलिस ने कहा कि इनमें से एक अभिषेक सरकार (21) एक लोकल भाजपा कार्यकर्ता है.
पुलिस अधिकारी मुकेश ने टेलीग्राफ से बातचीत में बताया है कि पकड़े जाने पर ये 6 लोग बोलने लगे कि वे अपने यूट्यूब चैनल के लिए वीडियो शूट कर रहे थे. लेकिन जब उनसे उनके वीडियो चैनल के बारे में प्रूफ मांगा गया, तो वे लोग कोई प्रूफ दे पाने में असफल रहे.
गांव के लोगों ने भी मीडिया को बताया है कि पकड़ा गया शख्स अभिषेक कई मौकों पर भाजपा की रैली में देखा गया है. एक गांव के रहवासी ने बताया है,
“हमने इन लोगों को रेलवे लाइन के पास कपड़े बदलते हुए देखा तो हमें शक हुआ. हम जानते हैं कि अभिषेक कुमार अपनी विचारधारा को लेकर बहुत मुखर है. तो हमने सोचा कि उसका सामना करे.”
पुलिस ने जानकारी दी है कि मौके पर 7 लोग थे. गांववालों ने पकड़ने की कोशिश की. 1 शख्स भाग गया. स्थानीय भाजपा ईकाई में मौजूद सूत्रों ने कन्फर्म किया है कि अभिषेक सरकार भाजपा का सदस्य है, हालाँकि भाजपा के जिला प्रमुख गौरी शंकर घोष ने इंकार किया है, और कहा है कि वे ऐसी किसी घटना के बारे में नहीं जानते हैं.