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24 दिसबंर की रात करीब 9 बजे अयोध्या सरयू के किनारे नया घाट पर सो रहे एक गरीब परिवार के पास कुहरे को चिरते हुई एक मोटरसाइकिल उनके नज़दीक आकर रुकती है। मोटरसाइकिल से दो पुलिस वाले नीचे उतरते हैं।अचानक पुलिस वालों को पास आते देख पहले तो वे लोग सहम गए कि हमसे क्या गलती हो गयी? परन्तु जब पुलिस वाले ने उनसे प्यार से नमस्कार बोला और हाल चाल पूछा तो उन्हें सुकून मिला। फिर उनके घर परिवार के बारे में पुलिसवाले पूछने लगे।
और फिर बोले बाबा हम आपके लिए कुछ उपहार लाएं हैं। और फिर उपहार को उनके हाथों में लाकर रख दिया। जब बुजुर्ग दादा ने उसे खोला तो उसमें एक चमचमाती नई जैकेट को पाकर बेहद खुश हुए।और शुरू कर दी अपने दुआओं की बारिश। पुलिस वाले मिठाई का डिब्बा उनके हाथ मे देते हुए बाबा को अपने हाथ से मिठाई खिलाई और गले लगकर क्रिसमस त्योहार की बधाई दिया। बुजुर्ग बाबा बातचीत के दौरान अपना नाम भतृहरी निवासी गोरखपुर बताए।
उसके बाद दारोग़ा जी का ध्यान बगल ठंडी से सिकुड़ रहे बालक पर पड़ी उसने बातचीत में अपना नाम कृष्णा बताया। फिर उस बालक को जैकेट पहनाकर उसे भी मिठाई खिलाकर दारोगा जी गले से लगाया। बालक क्रिसमस डे पर वर्दी के रूप में आये सांता क्लाजा से उपहार पाकर खुशी से झूम उठा। जनपद के थाना-पटरंगा में नियुक्त समाजसेवी दारोगा रणजीत यादव के लिए यह कोई नया काम नही था। वे रक्तदान,पौधरोपण, यातायात,शिक्षा और सुरक्षा के प्रति जागरूकता,गरीब और असहायों की मदद करना जैसे सामाजिक सरोकारों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। रणजीत यादव ने बताया कि मेरी ड्यूटी इस समय रामजन्मभूमि परिसर सुरक्षा में चल रही है।
ड्यूटी के बाद मैंने अपने साथ सिपाही चन्द्रेश राजभर को लेकर क्रिसमस डे पर किसी गरीब/असहाय व्यक्ति को उपहार देने के लिए नई जैकेट और मिठाई खरीदा। और निकल पड़ा नया घाट की तरफ जरूरत मंद की तलाश में। और मुझे बुजुर्ग बाबा भतृहरि और बालक कृष्णा इस योग्य लगे। मुझे यह जानकर बेहद खुशी हुई कि बालक कृष्णा इस परिस्थिति में भी स्कूल जाता है। मैंने उसे अपना मोबाइल नंबर लिखकर दिया और बताया कि तुम पढ़ाई कभी मत छोड़ना। किसी चीज की जरूरत हो तो हमे फोन करना। रणजीत यादव के लोगों से अपील किया कि आपके आस-पास भी ऐसे जरूरत मंद लोग होंगे आप भी किसी न किसी बहाने उनकी मदद करें। खाकी के इस अनूठे रूप को देखकर घाट पर काफी लोग इकट्ठा हो गए और अयोध्या पुलिस की तारीफ किया।