प्रेम नहीं था मंजूर, हत्या कर मां व चाचा ने पेट्रोल से शव जलाया

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प्रेम नहीं था मंजूर, हत्या कर मां व चाचा ने पेट्रोल से शव जलाया
पाली. पाली शहर से 10 किमी दूर सोनाई मांजी गांव में ऑनर किलिंग से जुड़ा मामला सामने आया है। गांव का एक परिवार महाराष्ट्र के पुणे में किराणा परचून की दुकान चलाता है, परिवार में 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली 16 साल की रिंकू सीरवी पुत्री शेषाराम का वहीं के एक मराठी युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इससे नाराज मां सीता और उसके चाचा सवाराम उर्फ शिवराम रिंकू को गांव लेकर आए। 


खेत पर ले जाकर रस्सी से गला घोंट हत्या की और पेट्रोल  छिड़क शव को आग लगाई। शव अाधा जला तो उसे नदी में गाड़ दिया। एसपी राहुल कोटोकी ने बताया घटना 19 मार्च की है, जिसका पता सदर थाने के एएसआई मांगूसिंह व बीट कांस्टेबल कालूराम को मुखबिरी से लगा। पुलिस ने बुधवार को एसडीएम रोहिताश्वसिंह तोमर की मौजूदगी में नदी में से गाड़ हुआ शव निकलवाया अौर आरोपी मां सीता व उसके देवर सवाराम उर्फ शिवाराम पुत्र पुखाराम को गिरफ्तार कर लिया।
एएसपी रामेश्वरलाल ने बताया कि मूलरूप से सोनाई मांजी गांव का शेषाराम सीरवी अपने छोटे भाई सवाराम उर्फ शिवाराम के साथ पूना के मूंडवा इलाके में परिवार के साथ रहता है, जहां दोनों भाइयों की किराणा परचून की दुकान है। करीब ढाई माह पहले शेषाराम की पुत्री रिंकू मोहल्ले में रहने वाले एक युवक के साथ घर से भाग गई। परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने उसी दिन शाम को मुंबई के दादर रेलवे स्टेशन से दोनों को पकड़ लिया और अपहरण व पाॅक्साे एक्ट में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जिसे जेल में पहुंचा दिया।


अपहरण व पाॅक्सो के मामले में आरोपी एक माह बाद ही जेल से जमानत पर छूट कर बाहर आया तो किशाेरी उससे ही शादी करने की जिद पर अड़ गई। नाराज मां व चाचा 18 मार्च को सोनाई मांजी गांव लेकर आए। दूसरे दिन 19 मार्च की शाम को दोनों मृतका को अपने खेत पर बने लोकदेवता के थान पर दर्शन के बहाने ले गए। दोनों ने रिंकू का रस्सी से गला घोंट मारा डाला।
19 मार्च को सोनाई मांजी में अपने खेत में रिंकू की हत्या के बाद भी उसकी मां व चाचा पर इस कदर खून सवार था कि उन्होंने साथ लाई बोतल से पेट्रोल छिड़क शव को आग लगाई, लेकिन शव आधा ही जला। इसके बाद शव को प्लास्टिक के कट्टे में पैक किया और खेत से करीब डेढ़ किमी दूर नदी में गहरी खाई में गड्ढा खोद दफना दिया। घटना के बाद आरोपी चाचा 20 मार्च को पुणे चला गया, जबकि उसकी मां सीता देवी अपने पीहर सोडावास चली गई। जहां उसने अपने छोटे पुत्र को 18 मार्च को ही पीहर में छोड़ा था। एएसपी रामेश्वरलाल के निर्देशन में सीओ ग्रामीण छुगसिंह सोढ़ा व सदर थाना प्रभारी भंवरलाल पटेल की  टीम ने घटना का राजफाश किया।
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