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लोकतांत्रिक आवाज़ों को कैद करने की कोशिश है शरजील उस्मानी की गिरफ्तारी – रिहाई मंच
लखनऊ 9 जुलाई, 2020. रिहाई मंच ने एएमयू छात्र नेता शरजील उस्मानी को आजमगढ़ से उठाए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यूपी सरकार विकास दुबे जैसे व्यक्ति जिसने पुलिस जवानों की हत्या कि उसकी गिरफ्तारी से ज्यादा लोकतांत्रिक आवाज़ों को कैद करना उसका एजेंडा बन गया है.
शरजील जैसे युवा जो संविधान, लोकतंत्र की आवाज़ों को बुलंद करते हैं वो इस दौर में सरकार की आंख की किरकिरी बन गए हैं. क्योंकि सरकार सिर्फ शिक्षा के पाठ्यक्रम से धर्म निरपेक्षता, लोकतांत्रिक अधिकार, संघवाद, नागरिकता और सोशल मूवमेंट को नहीं हटा रही है बल्कि इसे देश के इतिहास से भी मिटाने की कोशिश कर रही है.
रिहाई मंच बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के संवैधानिक मूल्यों के लिए लड़ने वालों के साथ खड़ा रहेगा. रिहाई मंच शरजील उस्मानी कि तत्काल रिहाई कि मांग करता है