How To
चलती Train में Driver सो जाए तो Rail को कैसे कंट्रोल करें ? How to control the train if ?
SD24 News Network -.
भारतीय रेल दुनिया की सबसे बड़ी रेल सेवाओं में से एक है। करोड़ों लोग हर दिन वाया ट्रेन एक जगह से दूसरे जगह सफर करते हैं। इनमें से लाखों ऐसे होते हैं । जो डेली अप डाउन करते हैं। फिलहाल करीब 4000 ट्रेनें हर रोज रेल की पटरियों पर दौड़ती है । और कामयाबी से मुसाफिरों को उनके मंजिल तक पहुंचाती हैं।
सवाल यह है कि ट्रेन चलाने वाला ड्राइवर भी इंसान होता है। अगर चलती ट्रेन में बीमार हो जाए, बेहोश हो जाए, उसे हार्ट अटैक आ जाए तब ट्रेन का क्या होगा। आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं ।
ट्रेन के ड्राइवर को यदि नींद आ जाए या फिर वह किसी भी वजह से बेहोश हो जाए तो उसके साथ एक असिस्टेंट ड्राइवर होता है। वह सबसे पहले ड्राइवर को जगाने की कोशिश करेगा। अगर हालात नार्मल नहीं हुए तो वह ट्रेन को महफूज जगह तक ले जाएगा।
लेकिन अगर बदकिस्मती से ड्राइवर और असिस्टेंट ड्राइवर दोनों सो जाते हैं । तो ऐसे हालात से निपटने के लिए इंजन में ‘विजीलेंस कन्ट्रोल डिवाइस’ लगा होता है। यह डिवाइस यह नोटिस करता है कि अगर एक मिनिट के अन्दर ड्राइवर ने न ही स्पीड बढ़ाने के लिए थ्राटल को बढ़ाया हो या स्पीड कम करने के लिए थ्राटल को कम किया हो । या ब्रेक लगाया हो या हार्न बजाया हो तो 72 सेकंड के अन्दर एक विजुअल इंडीकेशन आयेगा, डाइवर को उसको एक बटन दबाकर एकनोलेज करना है।
इससे डिवाइस को पता चल जाएगा कि ड्राइवर अपनी ड्यूटी पर तैनात है। यदि ड्राइवर एकनोलेज नहीं करता है तो 60 सेकंड में ट्रेन में आटोमैटिक ब्रेक लगना शुरु हो जायेंगे और एक किमी के अन्दर ट्रेन रुक जायेगी। इस तरह से किसी बड्ड हादसे को होने से रोका जा सकता है ।
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