आज जयपुर हाई कोर्ट का आदेश… आगामी 2 सप्ताह तक निचली अदालत को कोई अंतिम आदेश पारित न करने का निर्देश… 2 सप्ताह के लिए जारी किया नोटिस…
उल्लेख किया जाना ज़रूरी है कि रकबर की पत्नी अकमीना द्वारा नवल किशोर और सुरेश को बतौर मुल्ज़िम तलब करने हेतू प्रार्थना पत्र सेशन कोर्ट में अंतर्गत धारा 319 Crpc दिया गया था, जिसको कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था. तब इस आदेश के ख़िलाफ़ रकमीना ने हाई कोर्ट में रिवीजन दाखिल किया था जिसपर आज सुनवाई करते हुए, हाई कोर्ट ने निचली अदालत को अंतिम आदेश पारित न करने के आदेश दिए हैं.
ये रिवीजन अकमीना की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता जनाब नासिर नक़वी साहब ने दाखिल किया था, तब से में बराबर उनके संपर्क में था.
इस मामले में वर्ष 2020 में कोई सुनवाई कोरोना काल होने के कारण न हो सकी थी. 13 अक्टूबर 2020 को अपनी बीमारी के बाद से, मैंने जयपुर की यात्रा नहीं की थी.
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पुलिस ने नवल किशोर के ख़िलाफ़ आरोप पत्र प्रस्तुत नहीं किया था और अभी तक जांच लंबित है. नवल किशोर को बचाव पक्ष ने भी अपने गवाह के रूप में प्रस्तुत नहीं किया है. नवल का कथन था कि उसके सामने पुलिस ने रकबर की थाने में पिटाई की थी. जब की चश्मदीद गवाह असलम ने कोर्ट में अपने बयान में कहा की नवल किशोर घटना स्थल पर मौजूद और मारपीट में शामिल था और वह इसके बाद घटना स्थल से पुलिस को बुलाने और घर से टेलीफोन लेने गया.
अभी थोड़ी देर पहले एडवोकेट नक़वी साहब ने जयपुर से ये जानकारी फ़ोन पर दी.
राजस्थान सरकार ने हाई कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट नासिर नक़वी साहब को विशेष सरकारी वकील नियुक्त 1 सप्ताह पहले किया है जो अलवर सेशन कोर्ट में पैरवी करेंगे जिनका सहयोग पहले से नियुक्ति सरकारी वकील श्री अशोक शर्मा करेंगे. अलवर सेशन कोर्ट में अगली तारीख 6 मार्च लगी है.
-आअधिवक्ता असद हयात, वरिष्ट सामाजिक कार्यकर्ता है ।
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