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संघ भारत को किस मामले में विश्व गुरु बनाना चाहता है ? आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक या फिर ……

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संघ भारत को किस मामले में विश्व गुरु बनाना चाहता है।। आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक या .....jpeg

SD24 News Network 

संघ भारत को किस मामले में विश्व गुरु बनाना चाहता है?  और कौन सा आदर्श प्रस्तुत करना चाहता है?
क्या धार्मिक-सांस्कृतिक विश्व गुरु बनाना चाहता है?        
क्या संघ दुनिया को वह हिंदू धर्म, उसके ईश्वर, धर्मग्रंथ और वे महाकाव्य देना चाहता है, जो अपने ही धर्म के लोगों को भी समान नजर से नहीं देखते और बहुलांश लोगों को ‘नीच’ ठहराते हैं,  उसमें एक हिस्से को तो इंसानी दर्जा भी नहीं देते। जिन्हें आज दलित कहते हैं और बहुलांश को शूद्र ठहरा देते है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं और उनका कर्तव्य द्विज मर्दों की सेवा करना घोषित करते हैं।



हिंदुओं के सारे धर्मग्रंथो, ईश्वरो और महाकाव्यों का तो  सिर्फ और सिर्फ एक ही मूल स्वर है ब्राह्मणों को भूदेवता घोषित करना और द्विजों को शूद्रों,अतिशूद्रों और महिलाओं से श्रेष्ठ ठहराना। क्या यही धर्म, ईश्वर, धर्मग्रंथ और महाकाव्य संघ विश्व को देना चाहता है और विश्व से कहना चाहता है कि आप इसका अनुसरण करें?

क्या सामाजिक विश्व गुरु बनना चाहता है?
क्या समाज व्यवस्था के नाम पर का वर्णों-जातियों में बंटा समाज संघ विश्व को देना चाहता है और कहना चाहता है कि विश्व उसका अनुसरण करे तथा वर्ण-जाति के आधार पर एक दूसरे को ऊंच-नीच समझे  और वर्ण-जाति के आधार पर एक दूसरे घृणा करे? यहां तक कि जाति के नाम बलात्कारियों का भी समर्थन करे।



या ब्राह्मणवादी पितृसत्ता देना चाहता हैं, जहां औरत को पुरूष की दासी समझा जाता है और जाति के दायरे के बाहर शादी करने पर लड़की या लड़की-लड़के दोनों की हत्या करने का आदर्श दुनिया पर थोपना चाहता है?
क्या राजनीतिक विश्व गुरु बनना चाहता है?
क्या संघ विश्व का राजनीतिक विश्व गुरु बनकर भाजपा जैसी पार्टी और मोदी-योगी जी जैसा नेता देना चाहता है, जिसकी एवं जिनकी एकमात्र सफलता सारे आदर्शों-मूल्यों-विचारों को ऐसी-तैसी करके और मनुष्य के सबसे बर्बर मूल्यों को उभार कर  चुनावी सफलता हासिल करना तथा भारत में जैसा भी जितना भी लोकतंत्र था, उसे नष्ट कर देना तथा पूरे समाज घृणा और नफरत का जहर फैला देना।



क्या आर्थिक विश्व गुरू बनना चाहता है?
क्या संघ दुनिया को मोदी जी का विकास मॉडल देना चाहता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य और निहितार्थ है, देश की सारी संपत्ति- संपदा को अडानी-अंबानी जैसे मुट्ठीभर कार्पोरेट के हवाले कर देना और देश के बहुसंख्य लोगों को दाने-दाने के लिए मोहताज कर देना।
या वर्ण-व्यवस्था वाला मॉडल देना चाहता है, जिसमें सारी संपदा और संपत्ति द्विजों के हाथ में केंद्रित रहे।
 आखिर किस मामले में और किस बात का विश्व गुरु भारत को बनाना चाहता है, संघ?
(लेखक Siddharth Ramu के निजी विचार, तमाम आपत्ति आउट दावे के लिए लेखक ही जिम्मेदार)

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1 Comment

1 Comment

  1. Suivre Téléphone

    February 10, 2024 at 4:09 am

    Le courrier électronique n’est pas sûr et il peut y avoir des maillons faibles dans le processus d’envoi, de transmission et de réception des courriers électroniques. Si les failles sont exploitées, le compte peut être facilement piraté.

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