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भूख के कारण हर महीने दस हजार बच्चों की मौत -संयुक्त राष्ट्र
कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर में भुखमरी पैर पसार रही है और भोजन नहीं मिल पाने से 10,000 से अधिक बच्चों की मौत हर महीने हो रही है. इससे गरीब देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
कोरोना वायरस महामारी के कारण हर महीने 10,000 से अधिक छोटे बच्चों की मौत भूख के कारण हो रही है. यूएन की एक रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गांव में उपजे उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं और गांव खाद्य और मेडिकल सप्लाई से कट चुके हैं. इस रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि कोरोना वायरस की वजह से हुई भोजन की आपूर्ति में कमी के कारण एक साल में 1,20,000 बच्चों की मौत हो सकती है.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक हर महीने 5,50,000 से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं. संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि बढ़ते कुपोषण के दीर्घकालिक नतीजे हो सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के पोषण प्रमुख फ्रांसेस्को ब्रांका के मुताबिक, “कोविड संकट का खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव अब से कई वर्षों तक दिखता रहेगा.” ब्रांका कहते हैं कि इसका “सामाजिक प्रभाव होने जा रहा है.”
दुनियाभर में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए पाबंदियों के कारण पहले से ही भुखमरी की मार झेल रहे समुदाय अब और हाशिए पर आ गए हैं. पाबंदियों के कारण बाजार और गांवों तक खाद्य और चिकित्सा सहायता नहीं पहुंच पा रही है. कोरोना वायरस महामारी के पहले ही साल में हर महीने 10,000 से अधिक बच्चों की मौत हो रही है. संयुक्त राष्ट्र ने इस दिशा में राष्ट्रों से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है. उदाहरण के लिए अफ्रीकी देश बुरकिना फासो में पांच में से एक बच्चा गंभीर कुपोषण का शिकार है. इस देश की आबादी दो करोड़ है और 1.2 करोड़ लोगों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता है. अप्रैल के महीने में विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रमुख डेविड बिसले ने चेतावनी दी थी कि कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था में कमजोरी वैश्विक अकाल का कारण बनेगी.
बिसले ने उस समय कहा था कि विश्व के नेताओं को इससे निपटने के लिए कदम उठाने होंगे. उन्होंने कहा था, “कोरोना वायरस महामारी ना सिर्फ अमीर देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही है बल्कि संवेदनशील और संघर्ष ग्रस्त देशों पर भी असर डाल रही है जहां लाखों की संख्या में लोग भुखमरी का सामना करने को मजबूर हो जाएंगे.” इसी महीने यूएन की एक और रिपोर्ट में वैश्विक भुखमरी को लेकर कहा गया था पिछले साल भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या एक करोड़ बढ़ गई थी. रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि कोरोना वायरस महामारी इस साल करीब 13 करोड़ अतिरिक्त लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है. उस रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण हालात और खराब हो रहे हैं और करीब नौ में से एक व्यक्ति को भूखा रहना पड़ रहा है.
कोरोना वायरस महामारी के कारण भुखमरी के खिलाफ अभियान एक तरह से थम गया है. पिछड़े देशों में स्वास्थ्यकर्मी और अन्य एजेंसियां कोविड-19 से निपटने में लगी हुई है और भूखे लोगों से एक तरह से ध्यान हट गया है.