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पिछले साल लगी थी अमेजन के जंगलों में आग , इस वक़्त ब्राज़ील में लेबनान के……
अमेज़ॉन के जंगलों में पिछले साल आग लगी थी. दुनिया भर में चर्चा हुई. हैशटैग बने. ट्रेंड हुआ. उसके बाद क्या हुआ? ब्राज़ील स्पेस एजेंसी ने अभी ताज़ा आंकड़ा जारी किया है. अगस्त 2018 से जुलाई 2019 के बीच सिर्फ़ ब्राज़ील में लेबनान के बराबर का जंगल काट डाला गया.
2020 में ये सिलसिला और तेज़ हुआ है. ब्राज़ील इस वक़्त कोरोना के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है. उसके सनकी राष्ट्रपति ने आंकड़ों पर ताला लगा दिया है, लेकिन कोरोना काल में अमेज़ॉन की कटाई की रफ़्तार में 55 फ़ीसदी की बढ़ोतरी के बावजूद सरकार उस पर ताला नहीं लगा रही है.
हर मिनट दो फुटबॉल मैदान के बराबर जंगल काटे जा रहे हैं. अमेज़ॉन का ये जंगल हज़ारों साल से तनकर खड़ा था. पृथ्वी का इसे फेफड़ा कहा जाता है. फेफड़े में जायर बोलसोनारो सरकार ने छेद कर दिया. वहां के जंगल पर माइनिंग और एग्रीकल्चर लॉबी हमेशा से टकटकी लगाए रही है.
पिछले साल जो आग लगी उसके लिए भी माइनिंग माफ़ियाओं को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है. कहा जाता है इन्हीं लोगों ने लगभग 50 हज़ार वर्ग किलोमीटर जंगल फूंक दिए. अब पेड़ बचे नहीं, जंगल रहा नहीं तो सरकार इस ज़मीन का पट्टा इन लोगों को दे देगी.
सरकार जंगल बचाने का दावा करती है, लेकिन अमेज़ॉन के प्रतिबंधित क्षेत्रों के लोगों का दावा है कि माइनिंग वाले ताबड़तोड़ कटाई कर रहे हैं और इन लोगों ने न सिर्फ़ जंगल काटे, बल्कि प्रिमिटिव आदिवासियों के घरों में कोरोनावायरस भी पहुंचा आए.
अब सैकड़ों आदिवासी समुदायों पर इस वायरस के कारण विलुप्त होने का ख़तरा मंडरा रहा है. सरकार जंगल कटाई को मंजूरी देने के लिए एक अलग बिल लाने की तैयारी में है.
-Dilip Khan