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हालाकि ये बहुत ही दर्द नाक है बहुत कड़ी निंदा होना चाहिए. लेकिन जहां औरतों के गर्भ को तलवार से चीर कर तलवार की नोक पर बच्चे को हवा में उछाल दिया गया हो वहां बे ज़ुबां के साथ साथ ऐसा होना काेंसि बड़ी बात है
गुजरात दंगे: हमने प्रेग्नेंट औरत को ऐसे सामने से तलवार से चीरा उनको बता दिया हम क्या हैं- बाबू बजरंगी
गुजरात दंगों के बाद जो आरोपी सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे हैं, उसमें बाबू बजरंगी का नाम प्रमुख है। चार्जशीट के मुताबिक बाबू बजरंगी ने अल्पसंख्यकों के इलाके में घुसी भीड़ का नेतृत्व किया और उन्हें मार-काट के लिए उकसाया। 2002 में 27 फरवरी को साबरमती एक्सप्रेस में कारसेवकों को जलाए जाने की घटना के अगले दिन 28 फरवरी को हिंदू संगठनों ने बंद का आह्वान किया था। इस दौरान अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में उन्मादी भीड़ ने 97 लोगों की हत्या कर दी थी। (लिंक)
इस घटना ने सचमें अंदर तक झकझोर दिया क्या तुम सच में इंसान हो ? किसी शर्मनाक हरक़त के लिए अक्सर कहा जाता है कि जानवर हो क्या ? लेकिन केरल में जो हुआ उसके बाद अब शायद ये कहावत बदलनी पड़े जहां खाने की तलाश में शहर की ओर आई हथिनी को किसी ने अन्नास के अंदर विस्फोटक रख कर खिला दिया..
जैसे ही उसने उसे खाने की कोशिश की, उसके मुंह के भीतर धमाके होने लगे और दर्द से छटपटाती हुई वो जंगल की ओर भागी लेकिन यहां भी उसने इंसानियत नहीं छोड़ी इस दौरान वो जिस रास्ते और गांव से निकली लेकिन किसी घर को नहीं तोड़ा किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और एक #नदी में जाकर खड़ी हो गई और तीन दिन तक पानी में खड़ी रही और वहीं जान दे दी…
और जब पोस्टमार्टम हुआ तो डॉक्टर भी खुद को रोने से नहीं रोक सके जब उन्होंने देखा कि वो हथिनी अकेली नहीं मरी है उसके पेट में एक नन्ही जान पल रही थी… दरअसल किसी क्रूर इंसान ने तीन जानें ली हैं हथिनी की, उसके बच्चे की और भरोसे की जो उसने हम इंसानों पर किया… वो हथिनी तीन दिन तक पानी में खड़ी रही और किसी को अपने पास नहीं आने दिया शायद वो #जवाब चाह रही थी.. कि हमें जानवर कहने वालों क्या तुम सच में इंसान हो ?
इस दुनिया में जैसे हम पैदा होते हैं तबसे हमें यही लगता है कि दुनिया में जो भी कुछ है वो बस हमारा है। चाहे पेड़, पहाड़, नदी, हवा या फिर जानवर सब कुछ हमारा ही है। हम जैसे चाहें इसका प्रयोग कर सकते हैं और जब चाहें उसे खत्म भी कर देते हैं। शक्तिमान मानव बनने की चाहत में हम सब कुचलते ओर खत्म करते जा रहे हैं। केरल में इंसानों ने अपनी यही ताकत दिखाकर एक गर्भवती हथिनी को खाने में पटाखे रखकर खिला दिए। उसके मुंह के अंदर वो पटाखे फट गए जिसकी वजह से तड़प- तड़पकर उसने अपनी जान दे दी।
कुछ लोग हैं जिन्हें इस घटना से तकलीफ हुई है। उनका मानना हैं कि प्रकृति की दी हुई हर चीज हमारी नहीं है। हमें जरा भी हक नहीं है कि इसे परेशान करें या नुकसान पहुंचाएं। अभिनेत्री श्रद्धा कपूर ने इस घटना पर गुस्सा जाहिर करते हुए ट्वीट किया है, ‘ऐसा कैसे हो सकता है ? क्या इन लोगों के पास दिल नहीं हैं या इन लोगों को जरा भी दया नहीं आयी? मेरा दिल टूट कर बिखर गया है। अपराधियों को कठोर से कठोर दंड मिलने की आवश्यकता है।’
आपको बता दें कि ये घटना पिछले सप्ताह की है। खाने की तलाश में हथिनी मल्लापुरम जिले में शहर की तरफ आ गई थी। यहां कुछ लोगों ने फलों के अंदर छिपाकर उसे पटाखे खिला दिए। उस बेचारी ने जैसे ही उसे खाने का प्रयास किया उसके मुंह के अंदर ही धमाका हो गया। वो बेतहाशा दर्द से कराहती हुई इधर-उधर दौड़ने लगी। धमाके के कारण उसके मुंह के अंदर बहुत अधिक चोटें आई थीं। इसके बावजूद उसने किसी को कुछ नुकसान नहीं पहुंचाया। किसी पर हमला भी नहीं किया। न ही कोई घर तोड़ा। जब उससे दर्द सहा नहीं गया तो एक नदी में अपनी सूंड को डालकर कुछ आराम दिलाने का प्रयास करती रही। वन विभाग के कर्मी भी उसे बचाने के लिए पहुँच गए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 27 मई की शाम को उस हथिनी ने पानी में खड़े खड़े ही दम तोड़ दिया।