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दलित विनोद को क्युं मारा ? Kapil Mishra का नया दंगाई फंडा
इन दो तस्वीरों के बैनरों पर पैनी नजर डालिए । दलित विनोद को क्युं मारा लिखा हुआ है। आइये यह समझते हैं कि बैनर में दलित को ही क्यूं हाइलाइट किया गया है? सबको मालूम है कि दिल्ली दंगें में हिंदू और मुसलमान दोनों पर अत्याचार हुआ है। दोनों तरफ के जानों माल का नुकसान हुआ है। अंकित शर्मा , राहुल ठाकुर , आलोक तिवारी , रतन लाल , वीर भान भी इस दंगे में मारे गए हैं। लेकिन दलित विनोद का बैनर लेकर शांति मार्च निकालने का एक ही मकसद है उस समुदाय को उकसाना जो हर क्षेत्र में पिछड़े हुए हैं।
क्योंकि अगड़ी सवर्ण समाज के लोगों की हमेशा साजिश रही है कि इसको अपराधी बनाकर हाशिए पर रखो । इसको दंगाई बनाओ। नशेङी बनाओ। बेरोजगार और अशिक्षित रखो। और यह सब तब संभव है जब इसको 500-1000 रुपये में दंगा में प्रयोग करो और उससे भी बात न बने तो मार्च निकालकर उसके भावना को जगाओ और बताओ कि तुम्हें मियांओं ने मारा है। जबकि यदि मृतकों के जाति की बात की जाए तो अभी तक ज्यादहतर अगड़ी जाति के लोगों का नाम सामने आया है।
कायदे से तो कपिल शर्मा को यह बैनर लेकर मार्च करना चाहिए जिसमें लिखा हो कि तिवारी ,शर्मा , ठाकुर को क्यूँ मारा ? ताकि शर्मा जी , तिवारी जी , ठाकुर जी पत्थर, डंडा , तलवार और बंदूक लेकर मियाओं को मारने निकलते । लेकिन यह अगड़ी जाति वाले शातिर हैं । यह स्वंय दंगाई या कातिल नहीं बनते हैं। दलित समाज के युवाओं को भड़काते हैं ताकि इनकी राजनीति चलती रहे और मरने या जेल जाने की बात आए तो दलित ही जाएं। मैं शिक्षित दलित भाइयों से आग्रह करता हूं कि अपने समाज को इन शातिर राजनीतिज्ञों से बचाएं।
-Qamar Kranti