SD24 News Network
दिल्ली दंगे के ज़िम्मेदार पूरी तरह से सेक्युलर है। यह लोग सिर्फ मुस्लिमों के मंचों पर टूरिज़्म करते रहे ।अपने इलाके में एक धरना स्थापित न किया के यह न लगे के यह सिर्फ़ मुस्लिमों का मुद्दा है। यह ऐसा करते तो यह मुद्दा हिन्दू मुस्लिम का न बनता। जब तुम्हे इसको हिन्दू मुस्लिम मुद्दा बनने देना था तो हमारे मंचों पर फालतू की सहानुभूति क्यों दे रहा भाई । यह ससुरा कन्हैया भी यही किया है और चंद्रशेखर भी ।
और ई बहुजन पिछड़े वाले 3 महीने में अपने लोगों को यह नहीं समझा पाये के caa nrc इनके भी ख़िलाफ़ है जो की यह है । तो इन ससुरों का करें हम क्या, अपनी अपनी राजनीति के गधे बनाने को मिले हैं हम सिर्फ़ ? ऊपर से यह बहुजन पिछड़े इतने बड़े वाले हैं के हम पर ही ब्राह्मण से गठबंधन का आरोप लगाते नहीं थकते । गोली खा रहे हम जो लड़ाई लड़नी है ब्राह्मणवाद /हिंदूवाद से हमें अकेले लड़नी पड़ती है और यह फोकट में सलाह देते हैं। तुझमें दम न है साथ देने का तो घर बैठ, बकैती काहे की करता है?
बार बार भारत बंद करने वाले, बामसेफ, बहुजन क्रान्ति मोर्चा, भीम आर्मी, कम्युनिस्ट, लाखो NGO जो बहुजन मुस्लिम एकता के नाम से चलते है, सैकड़ो वह संगठन जो हिन्दू मुस्लिम एकता के नाम पर चलते है. यह लोग अपने ही कौम को यह बताने में 100% नाकाम है के NRC, CAA सिर्फ मुसलमानों के लिए ही नहीं सबके लिए घातक है.
और ई गुज्जर कौन है ? ब्राह्मण है? आधा किसान गोलियां चला रहा हम पर और हम मुलनिवासी थ्योरी गायें जिससे साथ देने के लिए किसी को आना नहीं। जो इक्के दुक्के ब्राह्मण गुज्जरों को दंगे करने से रोक रहे थे उनसे क्यों लड़ें हम ? भैये सब सुन ले अब ,जात पात की फालतू बात न कर हम से, हमारे लिए तो सारे हिन्दू बन्दूक ले के आ जा रहे । हम जात पर नहीं व्यक्ति विशेष को अच्छा बुरा बोलेंगे ।
चमार हो या ब्राह्मण अच्छा व्यक्ति है तो बस अच्छा है, बुरा है तो बुरा । हमारे काम जो आएगा वही हमारा दोस्त । तुम्हारी राजनीतीक महत्वकांक्षा के गधे हमें नहीं बनना यार।
-Shadan Ahmad