SD24 News Network
ये है मुसलमानों के Political अनाथ होने की Short कहानी -Social
अब Chronology समझिए
2014 से पहले हर पार्टी मुस्लिम वोट बैंक समझकर मुस्लिमों के लिए कुछ ना कुछ बोलती थी मनेफ़ेस्टो में रखती थी फिर आयी भाजपा और मुस्लिम वोट बैंक होने का भ्रम ख़त्म कर दिया, बताया कि बिना मुस्लिमों के बहुमत लिया जा सकता है
उसके बाद से जितने भी चुनाव हुए हर पार्टी ने मुस्लिमों के तरफ़ से ज़बान सी ली, पूरी तरह नज़रंदाज़ कर दिया जिसमें कोंग्रेस (Congress), सपा (SP), बसपा (BSP), आप और बाकी पार्टी भी शामिल हैं. अब हालात ये हैं मुस्लिम वोट irrelevant हो चुका, भाजपा (BJP) को वोट देगा नही तो दूसरी पार्टी को बिना कुछ कहे देना मजबूरी है जैसा की दिल्ली में “आप” पार्टी को दिया…
समझ गये ना अपने पोलिटिकल अनाथ होने की कहानी.. कम कहा है ज़्यादा समझो…