महाराष्ट्र
CM THAKREY ने किया डिटेंशन सेंटर रद्द, CAA से पहले ही महाराष्ट्र में बन रहा था
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक अहम फैसला लेते हुए भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के डिटेंशन सेंटर बनाने का फैसला रद्द कर दिया है। राज्य का यह पहला डिटेंशन सेंटर नवी मुंबई के नेरुल में अवैध प्रवासियों के लिए बनाया गया था। उद्धव का यह फैसला पीएम नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने डिटेंशन सेंटर को अफवाह बताया था।
इस वक्त पूरे देश में सीएए और एनआरसी को लेकर उबाल है। सभी धर्म, वर्ग और उम्र के लोग सड़कों पर हैं। पुलिस बर्बर तरीके से इसे दबाने की भी कोशिश कर रही है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के राम लीला मैदान में एक सभा को संबोधित करते हुए डिटेंशन सेंटर की बात को ही सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने भारत में डिटेंशन सेंटर बनाए जाने और डिटेंशन सेंटर बनाने को केंद्र द्वारा विभिन्न राज्यों को भेजे गए दिशा-निर्देशों को नकारते हुए कहा कि भारत में कहीं भी डिटेंशन सेंटर नहीं हैं।
मोदी ने सभा में कहा, “जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, जिनके पुरखे मां भारती की संतान हैं… उन पर नागरिकता कानून और एनआरसी, दोनों का कोई लेना देना नहीं है। कोई देश के मुसलमानों को न डिटेंशन सेंटर भेजा जा रहा है, न हिंदुस्तान में कोई डिटेंशन सेंटर है, यह सफेद झूठ है। ये बद इरादे वाला खेल, ये नापाक खेल है।”
2019 के आम चुनाव में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने साफ कहा था कि देश भर में एनआरसी को लागू किया जाएगा। भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र में भी यह बात शामिल है, लेकिन अब पीएम मोदी एक अलग ही बात कह रहे हैं। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक हर जिले में एक डिटेंशन सेंटर होगा। इसमें एक प्रमुख आव्रजन चेक पोस्ट होगा।
महाराष्ट्र में नवीं मुंबई के नेरूल इलाके में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए इमारत तय की थी। फोटो साभारः मुंबई मिरर |
यह बात सभी को पता है कि पीएम ने झूठ का सहारा लिया है। असम में डिटेंशन सेंटर कायम है और कुछ नए सेंटर बनाने का काम भी चल रहा है। मुंबई में भी मोदी सरकार के दिशा-निर्देश पर पूर्व भाजपा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस डिटेंशन सेंटर बनाने की कवायद में थे। अब नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उनके फैसले को रद्द कर दिया है। सेना भवन में पार्टी नेताओं से बात करते हुए, ठाकरे ने कहा कि वह अपनी निगरानी में किसी भी डिटेंशन सेंटर को राज्य में नहीं आने देंगे।
बता दें कि फणड़वीस सरकार ने नवी मुंबई के नेरुल में एक इमारत को डिटेंशन सेंटर के तौर पर चुना था। वर्तमान में यह इमारत खाली पड़ी है। यहां पहले नवी मुंबई पुलिस का महिला कल्याण केंद्र था। गृह विभाग ने नवी मुंबई के नियोजन प्राधिकरण सिडको को पत्र लिखकर डिटेंशन सेंटर के लिए तीन एकड़ का भूखंड मांगा था। इसके बाद इस इमारत की पहचान की गई थी।
इससे पहले सरकार में शामिल एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने प्रदेश में एनआरसी लागू न करने का एलान भी कुछ दिन पहले किया है। गैर-बीजेपी राज्यों में केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश ने पहले ही एनआरसी को असंवैधानिक करार देते हुए लागू करने से इनकार कर दिया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई के बाद उनकी सरकार अपना रुख तय करेगी। (जनाचौक से साभार)
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