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अजब गज़ब

भारत के 110 करोड़ लोग हिन्दू नहीं है -प्रेम प्रकाश

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“भारत के 110 करोड़ लोग हिंदू नहीं मूल निवासी हैं।” “1995 ई. तथा 2017 ई. में सुप्रीम कोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि हिंदू कोई धर्म नहीं है।”

ऐसे एक से एक सवाल कई बार उठाये गए है और इसका हमें जवाब मिलने के बजाय गालिया मिली। हमें आतंकवादी कहा गया। हमें पाकिस्तानी कहा गया। आई एस आई का एजेंट कहा गया। राष्ट्रद्रोही कहा गया। और गन्दी गन्दी गालिया मिली । तो क्या जो माँ बहनो पे गालिया देता है, आतंकवादी कहता है, राष्ट्रद्रोही कहता है, पाकिस्तानी कहता है, आई एस आई का एजेंट कहता है, किसी ख़ास राजनैतिक पार्टी से सम्बन्ध रखता है वो हिन्दू है ? जी नहीं, वह हिन्दू नहीं है। हम आपको सीना तान के बता सकते है कि इस देश में हिन्दू कोई नहीं है। कैसे ? चलो बताते है.……

 

*इस देश के 20 करोड़ से भी ज्यादा मुसलमान हिन्दू नहीं है। लगभग 2 करोड़ क्रिश्चियन हिन्दू नहीं है। लगभग 3 करोड़ सिख हिन्दू नहीं है। यानि की इस देश की 25 करोड़ आबादी हिन्दू नहीं है।* *अनुसूचित जाति और जनजाति-* हिन्दू नहीं है। अगर SC दलित हिन्दू होते तो उनको वेद, पुराण, रामायण और अन्य धर्मग्रन्थ पढ़ने का अधिकार होता। उनको मंदिर में जाने का अधिकार होता। पंडित बनने का अधिकार होता। वही बात आदिवासियों के बारे में भी है। अगर आदिवासी लोग हिन्दू होते तो उनको भी पुरे संस्कार होते, उनको भी पढने लिखने का अधिकार होता, उपनयन का अधिकार होता , लेकिन उनको भी ये सब अधिकार नहीं थे/है। इसीलिए अनूसूचित जाति के लोग भी हिन्दू नहीं है।

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sc और st आदिवासी लोगों कि जनसँख्या लगभग 25 करोड़ तक है। अर्थात sc, st और माइनॉरिटीज लगभग 50 करोड़ आबादी हिन्दू नहीं है। *पिछड़ी जाति/OBC-* अब बात करते है पिछड़ी जाति कि यानि कि अन्य पिछड़ी जाती (Other Backward Castes) जैसे कि यादव, अहीर, भुजबल, वन्नियार, कश्यप, कुमहार, गडरिया, कोइरी, मौर्य, सैनी, आदि इनकी जिनकी आबादी लगभग 60 करोड़ तक कि अनुमानित की गयी है। इनकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है। मगर इस देश कि जातिवादी सरकार उनकी गिनती नहीं करना चाहती है, क्यों कि अगर पिछड़ी जाति के लोगों की गिनती की जाती है तो उनको उनकी कितनी संख्या है पता चल जाएगा और मेजोरिटी होने के बावजूद उनकी भागीदारी नौकरी, मीडिया, और अन्य क्षेत्रों में कम ही है, इसीलिए उनकी जनगणना से सरकार के खिलाफ विद्रोह हो सकता है।

 

अगर OBC लोग हिन्दू होते तो उनको भी उपनयन का अधिकार मिलता, उनका भी संस्कार होता। उनके लिए बनाये गए मंडल कमीशन के लिए विरोध ना होता। इसीलिए इस देश के 60 करोड़ ओबीसी लोग भी हिन्दू नहीं है। यानि की 50 + 60 =110 करोड़ हिन्दू नहीं है। आप जान लिए न कि इस देश के 110 करोड़ लोग हिन्दू नहीं है। भारत देश कि जनसंख्या करीब 125 करोड़ है। यानि कि 125-110=15 करोड़ लोग ही हिन्दू हैं। इस देश के 15 करोड़ ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य लोग ही हिन्दू हैं।

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यही नहीं दोस्तों, *हिन्दू या हिंदुस्तान शब्द भारतीय संविधान के निर्माता भारत रत्न डॉ बाबा साहब अंबेडकर ने नहीं माना है। भारतीय संविधान लिखते वक्त संविधान में हिन्दू शब्द नहीं डाला है। उन्होंने संविधान में इस देश का नाम इंडिया अर्थात भारत लिखा है। हिन्दू या हिंदुस्तान भारतीय संविधान के भी खिलाफ है। संविधान में बाबा साहब ने लिखा है कि इंडिया यानि भारत एक संयुक्त राज्य होगा। उन्होंने जान बूझकर India/भारत ऐसा इसलिए लिखा क्योंकि उनको पता था कि इस देश के कपटी शासक (Ruler) लोग इंडिया का ट्रांसलेशन हिन्दुस्तान करेंगे। इसीलिए बाबा साहब ने भारत लिखा। क्योंकि भारत 5000 सालो पूर्व से अस्तित्व में है।*

 

*Article 1(1) of the Indian Constitution : “India, that is Bharat, shall be a Union of States.”*

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तो फिर ये हिन्दुस्तान क्या बला है ? हिन्दू शब्द इस देश के किसी भी *धार्मिक ग्रन्थ में, पुरानो में या स्मृतियों में नहीं पाया जाता है। उनका इस देश पर केंद्र की राजनीति, न्यायपालिका, मीडिया, सरकारी नौकरिया और अन्य क्षेत्रों में जो कब्ज़ा है वह बरकरार रखना है।  हिन्दू कहने से और कहलवाने से दुश्मन दिखायी नहीं देता है, दुश्मन छुप जाता है और भ्रम (Confusion) कि स्थिति बरकरार रहती है। यही भ्रम कि स्थिति हजारो सालों से अभी तक बरकरार है।

 

(इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार है, इन विचारों पर एसडी24 न्यूज़ नेटवर्क सहमत ही हो ऐसा नहीं है, लेखक प्रेम प्रकाश राष्ट्रिय संगठन बामसेफ के कार्यकर्ता है)

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