एक और IAS ने दिया इस्तीफा बोले ‘लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के साथ अभूतपूर्व रूप से छेड़छाड़ की जा रही है.’

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ईमानदार व्यक्ति कभी इनको पसन्द नही करेगा जो कोई ईमानदार है जिनका जमीर जिंदा है वह काम कर भी रहे है तो मजबूरी में , इनको अच्छा इंसान कभी पसन्द नही कर सकता । शाह फैज़ल, कन्नन गोपीनाथ और शशिकांत जैसे आईएएस अफसर वाकई में अंधकार में रोशनी की किरण है । इन तीनों के जज्बे को सलाम,

जिंदा लोगों की पहचान हो रही है।शाह फैसल और कन्नन गोपीनाथ के बाद अब तीसरे आईएएस ने भी देश में लोकतंत्र और संवैधानिक ढांचे को खतरा बता आईएएस से इस्तीफा दे दिया है।कर्नाटक के एक आईएएस (IAS) एस शशिकांत सेंथिल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देते हुए कहा है कि लोकतंत्र में ऐसे कुछ अनैतिक कार्य हो रहे हैं, जिसको देखने के बाद वह इस पद पर रहना उचित नहीं समझते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र में मूलभूत अधिकारों को दबाया जा रहा है। मुझे यह भी अंतकरण से महसूस होता है कि आने वाले दिनों में हमारे देश के बुनियादी ताने-बाने के सामने बेहद कठिन चुनौतियां पेश आने वाली हैं। 40 वर्षीय सेंथिल 2009 बैच के ऑफिसर हैं। वे तमिलनाडु के रहने वाले हैं। उनकी कार्यशैली और ईमानदारी की राज्य में काफी तारीफ होती रहती है। 
फिलहाल वे सीसीडी के मालिक वीजी सिद्धार्थ के आत्महत्या मामले की छानबीन कर रहे थे। बीजेपी की सरकार बनने के बाद कहा जा रहा है उन पर गलत काम करने दबाब बनाया जा रहा था।लेकिन इस अधिकारी ने समझौता करने से इंकार कर दिया। एक तरफ ये चंद युवा आईएएस हैं जो देश को एक तानाशाह के पदचाप के बारे में संकेत दे रहे हैं। दूसरी तरफ हज़ारों और आईएएस हैं जो बाबू बनकर सरकार की जी हुजूरी में लगे हुए हैं।वहीं करोड़ो युवा हैं जो आंख बंद कर सोए हुए हैं। उनका जीना भी मरने से बदतर है। तमस के इस दौर में शाह फैसल, कन्नन गोपीनाथ और शशिकांत जैसे आईएएस रोशनी की किरण है।
IAS कन्नन गोपीनाथ के इस्तीफे के एक हफ्ते के अंदर ही अब कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिला उपायुक्त एस. शशिकांत सेंथिल ने शुक्रवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) से इस्तीफा दे दिया. एक पत्र में उन्होंने कहा कि, ‘लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के साथ अभूतपूर्व रूप से छेड़छाड़ की जा रही है.’ ओपन लेटर में नौकरी छोड़ने के बाद लोगों से माफी मांगते हुए सेंथिल ने लिखा, ‘इस मामले को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है.’ एस. शशिकांत सेंथिल ने कहा कि यह उनका ‘निजी फैसला’ है. हालांकि पत्र में उन्होंने लिखा कि, ऐसे वक्त में जब लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के साथ अभूतपूर्व रूप से छेड़छाड़ की जा रही है, तब उनके लिए इस पद पर बने रहना अनैतिक होगा. आपको बता दें कि सेंथिल कर्नाटक काडर के वर्ष 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. 
सेथिंल ने लिखा, मैं यह भी महसूस करता हूं कि आने वाले दिन हमारे देश के मूल ताने-बाने को चुनौती पेश करने वाले होंगे और इसलिए बेहतर होगा कि मैं आईएएस की सेवा छोड़ सभी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम करूं.’ आपको बता दें कि पिछले हफ्ते ही कन्नन गोपीनाथ (33) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्मकर लाखों लोगों के ‘मूलभूत अधिकार’ छीने जाने को वजह बताया था. गोपीनाथ ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा था, ‘मेरे इस्तीफे से कोई फर्क तो नहीं पड़ेगा लेकिन हर किसी को अंतर्रात्मा को आवाज देना होता है’. आपको बता दें कि गोपीनाथ दादर नगर हवेली में कई मुख्य विभागों में सचिव हैं और उन्होंने घाटा झेल रही एक सरकारी बिजली कंपनी के फायदे में ला दिया था.

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