अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर समय-समय पर विपक्ष के हमले झेलने वाली मोदी सरकार इस तबके लिए कई बंदोबस्त भी कर रही है. पांच करोड़ अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति देकर उन्हें शिक्षा क्षेत्र में आगे बढ़ाने का प्लान तो है ही, साथ ही सरकार उनकी धार्मिक यात्रा को लेकर भी गंभीर है. इस्लाम में सबसे पवित्र शहर माने जाने वाले मक्का की यात्रा कराने में मोदी सरकार ने मनमोहन सिंह सरकार का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
खुद सरकार ने अपने इस रिकॉर्ड की जानकारी लोकसभा में दी है. सरकार ने यह भी बताया है कि ये यात्री बिना किसी आर्थिक सहायता के हज पर जाएंगे. हज यात्रा पर मोदी सरकार पहले ही सब्सिडी खत्म कर चुकी है. ऐसे में यात्रियों की संख्या में यह बढ़ोत्तरी अहम मानी जा रही है.
दरअसल, केरल की मलप्पुरम लोकसभा सीट से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद पीके कुनहालिकुट्टी ने हज कोटे को लेकर 4 जुलाई को लोकसभा में सरकार से सवाल पूछा था. उन्होंने पूछा था कि क्या केंद्र सरकार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की यात्रा के बाद 2019 के लिए अतिरिक्त कोटा मिला है, अगर हां तो इसका ब्यौरा क्या है. इस सवाल का अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जवाब देते हुए बताया कि अब कोटा बढ़ गया है.
उन्होंने ने बताया कि 2013 में (तब मनमोहन सिंह सरकार) भारत को आवंटित हज कोटा 1,36,020 था. पिछले पांच वर्षों के दौरान इस कोटे में 63, 980 की बढ़ोत्तरी हुई है. सरकार की तरफ से मंत्री ने बताया कि इस वर्ष यानी 2019 में बिना किसी आर्थिक सहायता के दो लाख यात्री हज पर जाएंगे. मंत्री नकवी ने बताया कि भारत के इतिहास में यह एक रिकॉर्ड संख्या है.
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि दो लाख तीर्थ-यात्रियों के कुल कोटे में से एक लाख 40 हजार का कोटा भारतीय हज समिति को और 60 हजार यात्रियों का कोटा हज समूह आयोजकों को दिया गया है.जिन्हें पहले निजी टूर ऑपरेटर (पीटीओ) के रूप में जाना जाता था. सरकार ने बताया कि 60,000 के इस आवंटन में दस हजार सीटें भारतीय हज समिति की दरों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को दी जाएंगी.
मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने हज यात्रा को लेकर सरकार ने एक पारदर्शी और सौ प्रतिशत डिजिटल सिस्टम बनाया है. (http://haj.nic.in/pto; http://indianhajpto.gov.in) नामक हज पोर्टल भी तैयार किया गया है. इस बार 18 राज्यों के सौ प्रतिशत आवेदक हज के लिए जा रहे हैं. सरकार ने बताया कि भारतीय हज समिति को आवंटित हज कोटा 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर सभी राज्यों को उनकी मुस्लिम जनसंख्या के आधार पर आवंटित किया जाता है. सरकार ने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर के लिए दो हजार सीटें निर्धारित हैं.