1. सन 1947 में, सन 48 में, सन 92/93 में और सन 2002 में इस देश की सत्ता ने पोलिस का इस्तेमाल कर मुसलमानों के घरों में घुस कर घरों में मौजूद चाक़ू छुरी को भी धारधार हत्यार बताकर मुसलमानों को पूरी तरह Cenitize कर दिया.
2. हज़ारों जज़्बाती नौजवानों को भड़काकर/जाल बिछाकर अपने मुगबीरों/एजेंटस का इस्तेमाल कर उन्हें MISA, TADA, MCOCA, POTA और UAPA जैसे कानून के तहत 10/15/20 सालों तक जेलों में बंद कर दिया.
3. आज देश में फिर से मुस्लिम नौजवानों को भड़काने की हर मुमकिन कोशिश की जारही है. कई नौजवान इन परिस्थितियों में नकारात्मकता की इन्तहा को पहुँच रहें हैं.
4. ऐसे वक्त में हम सब को समझदारी से काम लेना होगा. सत्ता के खिलाफ आंदोलन और संघर्ष लोकतांत्रिक तरीके से ज़रूर हो लेकिन इस के अलावा मुसलमानों को अपने आप की हर एक सलाहियत को बढ़ाना होगा.
5. Privitization और Multi National Companies के इस दौर में चाहकर भी बड़े उद्योग समूह और संस्थाएं मुसलमानों की Intellect और Integrity को नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते…
इस लिए मौका है हम अपने आपको इन मुश्किल हालात में और मज़बूत बनायें…. !
Ubaid Bahussain, nanded (इनके निजी विचार)