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PPE किट पहनकर शवों के गहने चोर अमित शर्मा और राज पटेल गिरफ्तार
अहमदाबाद: एक ओर जहाँ सब लोग कोरोना महामारी के बीच सलामती की दुआ कर रहे है, वही दुसरी ओर अहमदाबाद पुलिस के सामने एक चौंकाने वाला मामला आया है। पुलिस ने दो ऐसे चोर को गिरफ्तार किया है जो इस विकट परिस्थितियों में चोरी करने के लिए एक अनोखे तरीके का इस्तेमाल कर रहे थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने जिन चोरों को पकड़ा है, वो सिविल अस्पताल में पीपीई किट पहन कर जाते थे और कोरोना वायरस से मरने वाले मरीजों के शवों से गहने चोरी करते थे। पुलिस ने इन दोनों लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए यह दोनों चोर पीपीई किट पहनकर अस्पताल में दाखिल होते हैं और अपना काम खत्म करके बाहर आ जाते थे।
अमराईबाड़ी के कांग्रेस पार्षद जगदीश भाई राठौड़ ने सिविल अस्पताल के अधीक्षक एस एस प्रभाकर को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके एक रिश्तेदार महिला की अस्पताल में कोरोना के कारण मौत हो गई थी पर जब महिला के पति अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनके पत्नी के शव पर से गहने गायब थे।
इस बात की शिकायत महिला के पति शिवपूजन ने अस्पताल प्रशासन से की लेकिन जब इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो कांग्रेसी पार्षद ने पत्र लिखकर इस पर जवाब मांगा। इस पत्र के कारण अस्पताल प्रशासन हरकत में आया। इधर पुलिस को महिला के प्रति इनकी शिकायत प्राप्त हुई। साईंबाग पुलिस इंस्पेक्टर एके पटेल ने बताया कि सूचना के बाद वह लोग पड़ताल में जुट गए।
अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे चेक करने के बाद कोई खास लाभ नहीं हुआ क्योंकि सीसीटीवी कैमरे में चेक करते समय सभी लोग पीपीई किट में थे जिसके कारण उन्हें कोई भी पहचान नहीं रहा था। इंस्पेक्टर ने बताया कि उन लोगों ने हॉस्पिटल का रजिस्टर चेक किया। 8 मई को महिला अस्पताल में भर्ती की गई थी। पुलिस ने उस दिन से लेकर महिला की मौत तक के दिन तक स्टाफ की ड्यूटी देखी।
ड्यूटी पर तैनात स्टाफ से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान कोई खास चीजें पता नहीं चली।फिर सीसीटीवी कैमरा में दो लोगों को एक लाश को सैनीटाइज करते हुए देखा गया। अधिक पूछताछ में पता चला कि दोनों अस्पताल के स्टाफ नहीं थे। पुलिस ने पड़ताल के बाद के आधार पर दो लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ किया। पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिए गए अमित शर्मा और उनके साथी राज पटेल ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस ने बताया कि यह दोनों अस्पताल में पीपीई सूट पहनकर जाते थे और अपना काम पूरा करके बाहर आते थे। सामने आया है कि लोग करने वाले मरीजों के गहने उतार लेते थे क्योंकि कोरोना से मरे लोगो के शवों को पूरी तरह बांध कर देते है जिससे किसी को ये पता नही चल पता कि शव पर गहने है या नही! साथ ही मरीज की मौत से परेशान घरवाले इन बातों की इतनी परवाह भी नही करते है।